Wednesday , 18 June 2025
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UTTARAKHAND : किरायेदारी कानून में चाहते हैं बदलाव तो यहां दर्ज कराएं आपत्ति और सुझाव

 

 

देहरादूनः राज्य में किरायेदारी क्षेत्र को एक औपचारिक बाजार के तौर पर संतुलित और न्यायसंगत बनाते हुए भारत सरकार के स्तर पर आदर्श किरायेदारी अधिनयम (MTA) विकसित किया गया है, जिसे राज्य द्वारा अपनाया गया है। इससे किरायेदारी और मालिकों के बीच एक औपचारिक व विधिसम्मत सुरक्षा विकसित करने में मदद मिलेगी। इस अधिनियम पर आम नागरिकों के सुझाव ओट शिकायतें आमंत्रित की गयी हैं।

सुझाव और आपत्तियां भेजें

संयुक्त निदेषक, शहरी विकास निदेशालय कमलेश मेहता ने बताया कि इस अधिनियम को शहरी विकास निदेशालय की वेबसाइट- www.udd.uk.gov.in पर पढ़ा और डाउनलोड किया जा सकता है। आम नागरिकों की ओर से इस अधिनियम पर 31 अक्टूबर 2020 तक अपनी राय, सुझाव और आपत्तियों को ई-मेल- pmayurbanuk@gmail.com के माध्यम से भेजा जा सकता है। जनगणना (2011) के अनुसार शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 110 लाख आवास खाली पड़े थे। इन आवासों के किराये के प्रयोजन हेतु उपलब्ध न होने का एक मख्यु कारण राज्य/सघं राज्य क्षेत्रों का मौजूदा किराया कानून है, जो आवासों को किराये पर देने को हतोत्साहित करता है।

 

गुणवत्तापूर्ण किराया आवास

आबादी का एक भाग, विशेषतः प्रवासियों का है जो किराये पर लिए गए आवास को वरीयता देते हैं। क्योंकि इससे आने-जाने पर कम व्यय करना पडता है और ‘कार्यस्थल’ के पास रहने का विकल्प मिल जाता है। यह उम्मीद की जा रही है कि यह कानून देश भर में किराया आवास के सबंध में कानूनी ढांचे में आमलू-चूल परिवर्तन लाने में सहायक होगा। इससे किराया आवास क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे आवासों की भारी कमी को दूर किया जा सकेगा। शहरी विकास विभाग के सचिव ने अधिनियम के बारे में बताया कि एमटीए प्रवासियों, औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों पेशेवरों, छात्रों आदि सहित समाज के विभन्न आय वर्ग के लिए पर्याप्त किराया आवासीय स्टॉक उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। गुणवत्तापूर्ण किराया आवास को उपलब्ध कराने को बढ़ावा देने और किराया आवास बाजार क्रमिक रूपसे बनाने में सक्षम होगा।

 

सबको आवास उपलब्ध कराने के लिए

शहरी आबादी का अनुपात 2001 के 27.82% से 2011 में बढ़कर 31.16% हो गया है और 2050 में शहरी आबादी 50% से भी जायदा होने का अनुमान है। इस बढ़ती हुई शहरी आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शिक्षा, रोजगार, स्यापार, स्वास्थ सेवाओं तथा बेहतर जीवनयापन हेतु, शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन करता है। पलायन एक ही शहर में एक हिस्से से दुसरे हिस्से में भी होता है। तदनुसार, माननीय प्रधानमंत्री जी के 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ के उद्देष्य के अनुरूप, एमटीए को भू-स्वामी और किराएदार दोनों के हितों और अधिकारां में संतुलन स्थापित करने और अनुशासित और कुशल तरीके से पिरसरों को किराए पर देने हेतु जवाबदेह और पारदर्शी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए तैयार किया गया है।

बढ़ेगा किराया बाजार

किराये की अधिकतम सीमा से किराये के आवासों की गुणवत्ता और संख्या में भी कमी आई है, जिससे किराये की राशि में कमी आई है, जिसके कारण आवास मालिक पिरसरों को किराये पर देने हेतु हतोत्साहित हुए हैं। इसके कारण किराए के आवास वित्तीय रुप से भी सही नहीं हैं, जिसके परिणाम स्वरूप किराये का बाजार बुनियादी सुविधाओं के अभाव में अनौपचारिक व कम गुणवत्ता वाला समझा जाने लगा है। एमटीए किराये के प्रयोजन के लिए रिक्त पिरसरों का उपयोग करने और किराया बाजार को आकर्षक, सुस्थिर और समावेशी बनाने में सक्षम होगा। एमटीए किराया बाजार के विकास को प्रोत्साहित करेगा एवं निवेश को आकर्षित करेगा और किराया आवास क्षेत्र में उद्ययमशीलता के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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