देहरादून : राज्य सभा सांसद प्रदीप टमटा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने PM मोदी से भारत सरकार की बंद पड़ी दवा फैक्ट्री IDPL ऋषिकेश को कोविड वैक्सीन निर्माण के लिये पुनर्जीवित करने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि IDPL को पुनर्जीवित करने से जहां देश के लोगों को वैक्सीन मिलेगी। वहीँ, हजारों युवाओं के लिये रोजगार के रस्ते भी खुलेंगे। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया है की पूरे विश्व में Corona महामारी की लडाई चल रही है। पूरा भारत कोरोना महामारी की चपेट में है। देश को गम्भीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया की कांग्रेस पार्टी केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी से बचाव के लिए किये जा रहे सभी प्रयासों के लिए सरकार व देश की जनता के साथ खड़ी है।
वैक्सीनेशन कोरोना को हराने के लिए जरूरी
कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ने के लिए जहां लाॅकडाउन व सामाजिक दूरी बनाये रखनी जरूरी है, वहीं इसे रोकने के लिए समय पर वैक्सिनेशन भी अत्यंत आवश्यक है। सांसद टमटा ने बताया की विशेषज्ञों का भी मानना है कि अधिक से अधिक और जल्द वैक्सीनेशन कोरोना को हराने के लिए जरूरी है। जिन देशों ने अपने यहाँ ज्यादा वैक्सीन लगवाई, उनमें कोरोना की दूसरी लहर का कम प्रभाव पड़ा। सांसद टमटा के अनुसार हमारे देश में दूसरी लहर, पहली लहर से 320 प्रतिशत ज्यादा भयानक साबित हुई है। यह पूरे विश्व का रिकॉर्ड है। भारत की कुल आबादी के मात्र 12 प्रतिशत को अभी तक पहली डोज मिली है और मात्र 3.4 प्रतिशत आबादी पूरी तरह से वैक्सिनेटेड हो पाई है।
PM मोदी को दिलाया याद
सांसद टमटा ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया की 15 अगस्त 2020 के उनके भाषण में उन्होंने देश के हर एक नागरिक को वैक्सिनेट करने की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि “वैक्सिनेशन के लिए पूरा खाका तैयार है। “लेकिन अप्रैल 2021 में दूसरी लहर की तबाही के दौरान केन्द्र सरकार ने सबको वैक्सीन देने की जिम्मेदारी से अपने हाथ खींचते हुए इसका आधा भार राज्य सरकारों पर डाल दिया है जो कि औचित्यहीन है। उन्होंने ने केंद्र सरकार यह भी पूछा है की केन्द्र सरकार ने 1 मई तक मात्र 34 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया था तो बाकी वैक्सीन कहां से आएँगी?
ग्लोबल टेंडर निकालने को मजबूर
कांग्रेस सांसद प्रदीप टमटा ने बताया की देश में वैक्सीन अभाव के चलते कई राज्य सरकारें ग्लोबल टेंडर निकालने को मजबूर हुईं। मगर उन्हें खास सफलता नहीं मिली। Pfizer, Moderna जैसी कम्पनियों ने प्रदेश सरकारों से डील करने से इंकार कर दिया है। आज वैक्सीन लगाने वाले काफी केन्द्रों पर ताले लटके हैं एवं 18-45 आयुवर्ग की आबादी को वैक्सीन लगाने का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है।
केन्द्र सरकार की विफल वैक्सीन नीति
केन्द्र सरकार की विफल वैक्सीन नीति के चलते राज्यों में अलग-अलग दाम पर वैक्सीन मिल रही है। जो वैक्सीन केंद्र सरकार को 150रू में मिल रही है, वही राज्य सरकारों को 400रू में और निजी अस्पतालों द्वारा 900रू में लगाई जा रही है। यदि भारत सरकार दिसम्बर 2021 तक हर हिंदुस्तानी को वैक्सिनेट करना चाहती है तो हमें प्रतिदिन 70-80 लाख लोगों को वैक्सीन लगानी पड़ेगी, परन्तु वैक्सीन की कमी के कारण मई 2021 तक औसतन प्रतिदिन 19 लाख डोज ही लग पाई हैं। कांग्रेस सांसद प्रदीप टमटा आगे लिखते हैं की भारत देश के पास स्मालपॉक्स, पोलियो की वैक्सीन घर-घर पहुंचाने का अनुभव है।
हजारों लोगों को रोजगार भी
इसी कारण कांग्रेस सांसद टमटा ने प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से उत्तराखण्ड प्रदेश के ऋषिकेश स्थित केन्द्र सरकार के उपक्रम IDPL की ओर ध्यान आकर्षित कराया हैं। उन्होंने अपने पत्र में दवा उत्पादन में नम्बर एक रहे IDPL जैसे संस्थानों को ऐसे समय में पुर्नजीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यदि IDPL को पुर्नजीवित कर कोरोना महामारी के वैक्सिनेशन का उत्पादन किया जाता है तो देश वैक्सिनेशन में आत्मनिर्भर तो होगा ही और उत्तराखंड के हजारों लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। कांग्रेस सांसद प्रदीप टमटा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि देश में वैक्सिनेशन की आवश्यकता को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार के उपक्रम IDPL को पुर्नजीवित किये जाने हेतु आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किये जायें।