Monday , 16 June 2025
Breaking News
https://pahadsamachar.com/something-different/read-the-rules-before-buying-a-sim-fine-of-rs-10-lakh-and-even-jail-for-one-mistake/

उत्तराखंड : शातिर ठग, जिसने खरीदे 45 हजार सिम, करोड़ों ठगे…ऐस लगाता था चूना

देहरादून: शेयर बाजार में ट्रेडिंग के नाम पर निवेश का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सरगना को STF ने दिल्ली के चांदनी महल क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। देशभर में ठगी के लिए 45 हजार सिमकार्ड खरीदकर लोगों से करोड़ों रुपये ठगने वाले आरोपी को एसटीएफ ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने फर्जी कंपनी बनाकर लोगों से निवेश के नाम पर ठगी की थी। दून निवासी व्यक्ति भी 80 लाख रुपये की ठगी का शिकार हुआ था। एसटीएफ ने आरोपी के पास से तीन हजार सिमकार्ड भी बरामद किए हैं। आरोपी को न्यायालय के आदेश से जेल भेज दिया गया है।

STF के अनुसार, गिरोह मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सिम कार्ड के जरिये ठगी करता था। इस तरीके से ठगी करने का यह पहला मामला भी है। इसके लिए गिरोह ने फर्जी कंपनी बनाई और एयरटेल व वोडफोन के 45 हजार सिम कार्ड खरीदे थे। आरोपित ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर वाट्सएप, फेसबुक में ग्रुप बनाए हुए थे, जिसमें देशभर के लोगों को जोड़कर ठगा जा रहा था। गिरोह ने देहरादून निवासी एक व्यक्ति से भी 80 लाख रुपये ठगे हैं।

STF के SP आयुष अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में देहरादून निवासी व्यक्ति ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि फेसबुक में एक पोस्ट देखकर वह वाट्सएप ग्रुप (टी रोव प्राइस स्टाक पुल अप ग्रुप ए-82) से जुड़े। उसमें स्टाक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी जा रही थी।

ग्रुप से नंबर लेकर एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और खुद को इंदिरा सिक्योरिटीज कंपनी का कर्मचारी बताकर ट्रेडिंग के लिए खाता खुलवाने की बात कही। हामी भरने पर उन्हें इंदिरा कस्टमर केयर ए-303 नाम के वाट्सएप ग्रुप में भी जोड़ा गया और लिंक भेजा गया, जिस पर स्टाक निवेश के नाम पर अलग-अलग दिन में कुल 80 लाख रुपये आनलाइन जमा कराए गए। फिर यह रकम उन्हें वापस नहीं मिली और न ही उनसे कंपनी के किसी कर्मचारी ने संपर्क किया। STF ने मुकदमा दर्ज कर पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में टीम गठित कर निरीक्षक विकास भारद्वाज को विवेचना सौंपी गई।

एसटीएफ ने जांच में पाया कि जिन नंबरों से शिकायतकर्ता को वाट्सएप कालिंग व मैसेज किए गए थे, वह जीनो टेक्नोलाजी के नाम से मुदस्सिर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट, चांदनी महल (दिल्ली) के नाम पर लिए गए थे। एसटीएफ पिछले हफ्ते मुदस्सिर की तलाश में दिल्ली गई, मगर आरोपित पकड़ में नहीं आया।

इसके बाद टीम ने वहीं डेरा डाल दिया और मंगलवार देर रात मुदस्सिर मिर्जा को चांदनी महल क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 3,000 सिम कार्ड भी बरामद किए गए। एसटीएफ के अनुसार, मुदस्सिर ही गिरोह का सरगना है और उसके तार कई राज्यों से जुड़े हैं। दिल्ली व मुंबई समेत कई बड़े शहरों में गिरोह के एजेंट के सक्रिय होने की जानकारी भी एसटीएफ को मिली है। जांच में पता चला है कि गिरोह ने देशभर में करोड़ों रुपये की साइबर ठगी की है।

आरोपित मुदस्सिर मिर्जा ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उसने फर्जी कंपनी बना कारपोरेट आइडी के नाम पर मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सिम कार्ड खरीदे। मुंबई के बोरीवली में उसने कंपनी के नाम पर किराये पर कार्यालय लिया और एयरटेल के 29 हजार व वोडाफोन-आइडिया के 16 हजार सिम कार्ड खरीदे। ये सिम कार्ड उसने देशभर में गिरोह से जुड़े एजेंटों को भेजे। इसके बाद सिम का प्रयोग वाट्सएप पर अपने धंधे के प्रचार और ग्रुप बनाकर लोगों को ठगने में किया। आरोपित 10वीं पास है और वह पूर्व में एक सीसीटीवी कंपनी के लिए काम करता था। वहीं से उसे एम2एम सिम कार्ड के उपयोग का तरीका पता चला।

STF के अनुसार, एम2एम सिम बिना मोबाइल फोन के भी उपयोग किए जा सकते हैं। वर्तमान में सीसीटीवी कैमरे, विद्युत मीटर, पीओएस मशीन, आधुनिक वाहनों समेत कई उपकरणों में एम2एम सिम का ही प्रयोग किया जाता है। रोबोटिक्स, यातायात नियंत्रण, रसद सेवाओं, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन, बेड़े प्रबंधन समेत रिमोट कंट्रोल आदि क्षेत्रों में भी यही सिम प्रयोग किया जाता है। इसी का लाभ उठाते हुए गिरोह एम2एम सिम से ठगी को अंजाम दे रहा था।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

चारधाम यात्रा के नाम पर साइबर ठगी : STF का बड़ा एक्शन, 136 फर्जी वेबसाइटों पर कार्रवाई

चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग के नाम पर ठगने वाले साइबर …

error: Content is protected !!