Thursday , 17 October 2024
Breaking News

उत्तराखंड: ऐसे बचाई गई चौखंबा-3 पर फंसी पर्वतारोही, फ्रांस के इस दल ने निभाई अहम भूमिका

  • मुख्यमंत्री की सतत निगरानी में चला रेस्क्यू अभियान.

  • वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने किया रेस्क्यू, यूएसडीएमए में बनी रणनीति.

देहरादूनः उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय से संचालित रेस्क्यू अभियान के उपरांत तीन दिन से चौखम्बा-3 पर्वत में फंसी 2 विदेशी महिला पर्वतारोहियां का आज सुबह सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। दोनों पर्वतारोहियों को राहत और बचाव दलों ने जोशीमठ पहुंचा दिया है। इस पूरे अभियान की NDMA ने भी मॉनीटरिंग की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार नजर बनाए हुए थे।

11 सितंबर को दो महिला पर्वतारोही अमेरिका निवासी मिशेल थैरेसा डूरक (23 वर्ष) Ms.Michelle Theresa Dvorak और इंग्लैंड निवासी फेव जेन मैनर्स (27 वर्ष) Ms.Fav Jane Manners चौखंबा पर्वत के आरोहण के लिए दिल्ली से निकले थे। 03 अक्तूबर को देर शाम जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र चमोली को इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि दोनों विदेशी महिला पर्वतारोही चौखम्बा-03 पर्वत (6995 मीटर) में 6015 मीटर की ऊंचाई पर फंस गए हैं। IMF द्वारा जिला प्रशासन चमोली से दोनों पर्वतारोहियों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू करने का अनुरोध किया गया।

इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया, उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को तत्काल कार्रवाई कर दोनों पर्वतारोहियों का सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री से प्राप्त निर्देशों के क्रम में 3 अक्तूबर को ही देर रात अपर जिलाधिकारी चमोली विवेक प्रकाश ने रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को दोनों विदेशी पर्वतारोहियों के हवाई रेस्क्यू के लिए पत्र भेज दिया।

राज्य सरकार के अनुरोध पर रक्षा मंत्रालय द्वारा अगले दिन यानी 4 अक्तूबर को तड़के ही सरसावा एयर बेस से भारतीय वायु सेना के दो चीता हेलीकॉप्टर रेस्क्यू अभियान हेतु जोशीमठ के लिए रवाना कर दिए गए। वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा उपलब्ध कराए गए कोआर्डिनेट्स पर दोनों पर्वतारोहियों को खोजने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन उनसे किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया।

इधर, एयर ऑपरेशन के जरिये पर्वतारोहियों का पता न चल पाने की स्थिति में प्लान-बी पर भी काम किया गया। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, एसडीआरएफ की आईजी ऋद्धिम अग्रवाल और यूएसडीएमए के एसीईओ ऑपरेशंस डीआईजी राजकुमार नेगी द्वारा राहत और बचाव दलों के साथ मिलकर एक लैंड बेस्ड ऑपरेशन की योजना भी बनाई गई और SDRF की टीम को 5 अक्तूबर को एडवांस बेस कैंप तक भेजा गया। इधर, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम को भी लैंड बेस्ड ऑपरेशन के लिया तैयार किया गया।

दोनों महिला पर्वतारोहियों ने पेजर के माध्यम से 3 अक्तूबर को अपने दूतावास को अवगत कराया कि वे चौखंबा से पहले फंस गए हैं तथा उनका सामान खाई में गिर गया है, जिसमें उनका भोजन तथा पर्वतारोहण से संबंधित आवश्यक उपकरण हैं। इनके बिना न वे ऊपर जा सकते हैं और न नीचे आ सकते हैं। इसके बाद इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन द्वारा इसकी सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को दी गई, जिसके बाद SDRF और वायु सेना द्वारा रेस्क्यू प्रारंभ किया गया।

इधर, वायु सेना और SDRF द्वारा लगातार दोनों पर्वतारोहियों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन उनकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा था, वैसे-वैसे राहत और बचाव दलों के सामने दोनों महिलाओं को सुरक्षित बचाने की चुनौती भी बढ़ती जा रही थी। उधर, 18 सितंबर को फ्रांस के पांच पर्वतारोहियों का एक दल भी चौखंबा पर्वत के आरोहण के लिए निकला था। आईएमएफ द्वारा 6015 मीटर की ऊंचाई पर दो महिला टै्रकर्स के फंसे होने की जानकारी इस दल को दी गई।

वहीं, प्रशासन द्वारा फ्रांस के दल को दोनों की संभावित लोकेशन दी गई और यह दल भी दोनों टै्रकर्स को खोजने में जुट गया और 05 अक्तूबर को देर शाम फ्रांस के पर्वतारोहियों का दल इन तक पहुंचने में सफल रहा। उनके द्वारा प्रशासन को अवगत कराया गया कि दोनों महिलाएं सुरक्षित हैं। तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली। उन्होंने राहत और बचाव दलों के साथ अपने कोऑर्डिनेट्स साझा किए और रविवार सुबह लगभग पौने सात बजे वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर जोशीमठ पहुंचा दिया गया। इधर, एसडीआरएफ की टीम को भी एडवांस बेस कैंप से हेलीकॉप्टर के जरिये वापस जोशीमठ लाया गया।

USDMA के एसीईओ-ऑपरेशंस DIG राजकुमार नेगी और उनकी टीम ने इस रेस्क्यू अभियान को कुशल रणनीति के साथ बेहद पेशेवर अंदाज में संचालित किया। 3 अक्तूबर को जैसे ही यह सूचना एसईओसी को प्राप्त हुई, उन्होंने रात को ही सैन्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय भारत सरकार के साथ ही जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी के साथ समन्वय स्थापित कर भारत सरकार से रेस्क्यू के लिए सभी क्लीयरेंस प्राप्त कर लीं तथा रात में ही रेस्क्यू अभियान की पूरी रणनीति बना ली गई।

उनके द्वारा पल-पल की मॉनीटरिंग की जाती रही तथा राहत और बचाव दलों को जो भी मदद की जरूरत महसूस हुईं वह उपलब्ध कराई गई तथा जो दिक्कतें आई उन्होंने उनका त्वरित गति से समाधान किया गया। रेस्क्यू अभियान में जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी और उनकी टीम द्वारा भी सराहनीय कार्य किया गया। 3 अक्तूबर को रात ढाई बजे तक उनकी टीम द्वारा USDMA के एसीईओ-ऑपरेशंस DIG राजकुमार नेगी के साथ रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर कार्य किया गया। एयर तथा लैंड ऑपरेशन के लिए सभी जरूरी संसाधनों की व्यवस्था की।

USDMA के एसीईओ-ऑपरेशंस डीआईजी राजकुमार नेगी और जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी के निर्देशन में बनी कुशल रणनीति और उत्कृष्ट समन्वय का ही परिणाम रहा कि अगले दिन तड़के ही वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर जोशीमठ पहुंच गए तथा आज फंसे हुए टै्रकर्स का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। इस पूरे अभियान में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी चमोली श्री नंद किशोर जोशी की भूमिका भी सराहनीय रही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस पूरे अभियान की लगातार मॉनीटरिंग की जाती रही। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी भी संसाधन की कमी न रहे। फंसे हुए पर्वतारोहियों को सकुशल निकालने के लिए सभी प्रयास किए जाए। इधर, दोनों पर्वतारोहियों के सफल रेस्क्यू के बाद मुख्यमंत्री ने मदद के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने सफल रेस्क्यू अभियान संचालित करने के लिए USDMA के अधिकारियों के साथ ही वायु सेना, एसडीआरएफ की आईजी ऋद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी तथा उनकी टीम और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम की सराहना की है।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित कंट्रोल रूम में ऐसे अभियानों की सफल संचालन को लेकर कुशल रणनीति तैयार की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की पहल पर एसीईओ क्रियान्वयन, DIG राजकुमार नेगी के निर्देशन में एक वाट्सएप गु्रप बनाया गया, जिसमें पूरे रेस्क्यू अभियान को लेकर राहत और बचाव दलों ने रणनीति तैयार बनाई।

कब क्या करना है, कहां से क्लीयरेंस लेनी हैं, कब और कहां से ऑपरेशन प्रारंभ करना है, इन सबकी रणनीति इसी ग्रुप में बनी। बता दें कि 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा के दौरान रेस्क्यू अभियान के लिए भी एक वाट््सएप ग्रुप बनाया गया था, जिसने राहत और बचाव कार्यों को सफलतापूर्वक संचालित करने में अहम भूमिका निभाई।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

मद्महेश्वर में फंसे 68 यात्रियों

उत्तराखंड: पुल बहने से मद्महेश्वर में फंसे 68 यात्रियों का हेली रेस्क्यू

रुद्रप्रयाग: देर रात को मद्महेश्वर घाटी में अत्यधिक बारिश से गौंडार के बणतोली में पैदल …

error: Content is protected !!