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उत्तराखंड: UKSSSC पेपर लीक कांड, सड़कों पर उतरे हजारों युवा

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला तूल पकड़ गया है। रविवार, 21 सितंबर को आयोजित परीक्षा के कुछ प्रश्नों के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हजारों युवा सड़कों पर उतर आए। देहरादून से लेकर हरिद्वार और कुमाऊं क्षेत्र में प्रदर्शन हुए, जिसमें गुस्साए युवाओं ने सड़कें जाम कर दीं और सचिवालय कूच किया। पुलिस ने जगह-जगह प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिससे तनाव बढ़ गया।

पेपर लीक ने मचाया हड़कंप

परीक्षा से एक दिन पहले, 20 सितंबर को उत्तराखंड STF और SOG की संयुक्त टीम ने कुख्यात पेपर लीक मास्टरमाइंड हाकम सिंह और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया। इसके बावजूद, रविवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई परीक्षा के आधे घंटे बाद ही, 11:35 बजे, प्रश्न पत्र के तीन स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने दावा किया कि हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हुआ, जिससे परीक्षा की गोपनीयता भंग हुई।

संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने देहरादून के प्रेस क्लब में पत्रकारों से कहा, “वायरल प्रश्नों का मिलान परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों से किया गया, और कई सवाल एकसमान पाए गए। यह साफ है कि पेपर लीक हुआ है।” उन्होंने हरिद्वार के एक केंद्र को लीक का स्रोत बताया और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

सचिवालय कूच और सड़क जाम

सोमवार को देहरादून के परेड मैदान में हजारों युवा एकत्र हुए और आंदोलन की रणनीति बनाकर सचिवालय की ओर कूच किया। प्रदर्शनकारी पूछ रहे हैं कि बार-बार पेपर लीक की घटनाएं क्यों हो रही हैं और आयोग इसकी गोपनीयता सुनिश्चित करने में विफल क्यों है। देहरादून, हरिद्वार और कुमाऊं क्षेत्र में सड़क जाम और नारेबाजी से माहौल तनावपूर्ण रहा। भारी पुलिस बल तैनात किया गया, और कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को रोका गया।

पहले भी मांगी थी स्थगन

राम कंडवाल ने बताया कि उत्तराखंड हाल ही में आपदा से प्रभावित रहा है, जिसके चलते संघ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और आयोग अध्यक्ष से परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा, “हमारी अपील को अनसुना किया गया, और अब पेपर लीक ने साबित कर दिया कि सिस्टम में खामियां हैं।” युवाओं ने आयोग की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस और आयोग की कार्रवाई

पेपर लीक की शिकायत के बाद यूकेएसएसएससी ने देहरादून एसएसपी अजय सिंह को प्रार्थना पत्र सौंपा, जिसके आधार पर विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई। प्रारंभिक जांच में हरिद्वार के एक केंद्र से प्रश्न पत्र की तस्वीरें लीक होने की पुष्टि हुई है। एसटीएफ ने हाकम सिंह को पहले ही हिरासत में ले लिया था, और अब अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी चल रही है।

परीक्षा रद्द करने की मांग

कांग्रेस ने धामी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बार-बार पेपर लीक से भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता खतरे में है। 2022 के यूकेएसएसएससी पेपर लीक कांड के बाद भी सुधार नहीं हुआ। प्रदर्शनकारी युवा परीक्षा रद्द करने और नई तारीख की घोषणा की मांग कर रहे हैं।

आयोग ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने तक सभी तथ्यों को सामने लाया जाएगा। एसएसपी अजय सिंह ने कहा, “दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जांच में पारदर्शिता बरती जाएगी।” इस बीच, युवाओं का आंदोलन तेज होने से सरकार पर दबाव बढ़ गया है। यह मामला उत्तराखंड में बेरोजगारी और भर्ती प्रक्रिया की खामियों को फिर से उजागर करता है।

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