पुलिस मुख्यालय में आयोजित उत्तराखंड पुलिस मंथन-समाधान और चुनौतियां पुलिस सप्ताह का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुभारंभ किया। पुलिस अधिकारियों ने पुलिस की भावी कार्य योजना उके बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने पुलिस के जनता से संवाद के साथ ही पुलिस जवालों के साथ संवाद पहल को साराहा। उन्होंने आज के युग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस को फिटनेस और परसेप्शन मैनेजमेंट पर भी फोकस करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण और वांक्षित अपराधियों को पकड़ने के साथ ही महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के अभियानों की नियमित समीक्षा आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने अपराधियों अवैध संपत्ति को जब्त करने की बात कही। उन्होनें कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्यटन आधारित राज्य है, जिसे हम सबको मिलकर क्राइम फ्री, ड्रग्स फ्री बनाना है। ताकि राज्य में पर्यटन पर आने वाले पर्यटक खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। उन्होंने कहा कि पुलिस के बड़ी जिम्मेदारी है, कि देवभूमि का स्वरूप न बिगड़े। मुख्यमंत्री ने जघन्य अपराधों की बेहतर पैरवी हेतु विशेष अभियोजन अधिकारी की नियुक्ति करने की बात कही।
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बताया कि राज्य सरकार की सरलीकरण की नीति के क्रम में महिला सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए गौरा शक्ति योजना को महिलाओं की सुविधा एवं सुरक्षा हेतु डिजिटाइज किया गया है। जिसके अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराने वाली 45,216 महिलाओं से महिला पुलिसकर्मी संपर्क में रहकर तत्काल मदद कर उनकी शिकायत का समाधान करें, ताकि महिलाओं में सुरक्षा का भाव जागृत हो। इस योजना को लगातार आगे बढ़ाया जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अपराधियों के विरुद्ध कड़ी एवं सख्त कार्यवाही की जाए। डेमोग्राफिक चैलेंज के दृष्टिगत विशेष सत्यापन अभियान निरंतर चलाने की आदेश दिए। वर्ष-2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि बनाने के लिए उत्तराखंड पुलिस से युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये। राज्य में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु इंटेलिजेंस कर्मियों को प्रोएक्टिव होकर कार्य करना आवश्यक है। जिलों में नियुक्त अधिकारियों को लीडर के रूप में कार्य कर त्वरित निर्णय लेकर समस्या का समाधान करने के निर्देश भी दिये गये। इसके अतिरिक्त उन्होनें समस्त पुलिस अधिकारियों को सिटीजन सैन्ट्रिक एपरोच के साथ कार्य करने को प्रेरित किया। उन्होंने अपराध नियत्रण एंव अन्य विषयों पर सांइस एण्ड टैक्नोंलॉजी का उपयोग किया जाए।
उन्होंने विशेष तौर पर बताया कि वर्ष- 2023 में पुलिस विभाग में लगभग 1,000 कॉन्स्टेबल के पदों पर भर्ती की जाएगी। वर्तमान में प्रचलित 1521 पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया के पूर्ण होने तक पुलिस विभाग को 1521 पी0आर0डी0 जवानों द्वारा अस्थाई सेवा भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि पर्वतीय क्षेत्रों में साइबर अपराध को रोकने के लिए महिला थाने के रूप में कार्य कर रहे श्रीनगर और अल्मोड़ा महिला थाना, अब साइबर थाने का भी कार्य करेंगे। पुलिस विभाग को संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि जवानों की आवासीय सुविधा एवं भवन निर्माण के लिए बजट बढ़ाया जाएगा तथा वाहन खरीद प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।