Tuesday , 17 June 2025
Breaking News

उत्तराखंड : SIT जांच से भू-माफिया में हड़कंप, इन्होंने उठाई CBI जांच की मांग

देहरादून : जमीनों के दस्तावेजों में छेड़छाड़ का खुलासा होने के बाद CM पुष्कर सिंह धामी खुद रिकॉर्ड रूम पहुंचे थे। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन कर जांच के निर्देश दिए हैं। CM धामी की सख्ती के बाद भू-माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। SIT से जांच के आदेश होने के बाद चाय बागान मामले में जनहित याचिका दायर करने वाले RTI एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने सरकार से CBI जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में CBI से जांच कराई जानी चाहिए।

चाय बागान और सीलिंग की जमीन के मामले में भू-माफिया और अफसरों की सांठगांठ का खुलासा हो गया है। शासन ने इस मामले की जांच के लिए SIT को आदेश दिये हैं। भूमि रिकार्ड में हेराफेरी हुई है। हजारों करोड़ रुपये के इस खेल को उजागर करने वाले RTI एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी का कहना है कि यह जमीन सरकार की है। जमीन के खुर्द-बुर्द होने से सरकार को करोड़ों की चपत लगी है। इस घोटाले के तार यूपी, दिल्ली और हरियाणा से भी जुड हैं। ऐसे में SIT जांच की बजाए यह मामला CBI को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत हुई तो वह इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करेंगे।

उत्तराखंड : भू-माफिया-कर्मचारियों का खतरनाक गैंग…लोगों की जमीनों कब्जा

दरअसल, RTI एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने पिछले साल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी कि देहरादून में चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त चल रही है जो कि गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 10 अक्टूबर 1975 के बाद चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह जमीन स्वतः ही सरकार की हो जाएगी। एडवोकेट नेगी के अनुसार रायपुर, रायचकपुर, लाडपुर और नत्थनपुर समेत जिले में चाय बागान की सीलिंग की जमीन को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। इस मामले में देहरादून अपर जिलाधिकारी की कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है।

इस मामले को लेकर जिला प्रशासन भी लचर रवैया अपनाए हुए था। लेकिन अब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और 1978 से 1990 के भू रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ की बात को स्वीकार किया है। कई बैनामों के पेपर बीच में से फाड़ दिये गये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की जांच के आदेश एसआईटी को दिये हैं। कोतवाली पुलिस में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में नौ सब रजिस्ट्रार और 28 लिपिक जांच के घेरे में हैं।

बड़ी खबर : भारी बारिश से कोटद्वार में तबाही, मालन पुल टूटा

यह भी बता दें कि जिला प्रशासन ने पहले इस मामले को हलके में लिया तो हाईकोर्ट भी इस मुद्दे पर सख्त हो गया। नैनीताल हाईकोर्ट ने चाय बागान की सीलिंग की भूमि की खरीद-फरोख्त मामले में दायर एक जनहित मामले की सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा समय पर हलफनामा दाखिल न किये जाने पर नाराजगी जतायी। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

इस जुर्माने को हलफनामा दाखिल करने में कोताही बरतने वाले अधिकारी से वसूलने के आदेश दिये गये हैं। यह जनहित याचिका एडवोकेट विकेश नेगी ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि चाय बागान की सीलिंग की जमीन सरकार की है, लेकिन कुछ अफसरों और भूमाफिया की मिलीभगत से इस भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त हो रही है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल की बेंच कर रही है।

उत्तराखंड: मुश्किल में पुरोला नगर पंचायत अध्यक्ष, हाईकोर्ट में याचिका खारिज, सरकार लेगी एक्शन!

इस मामले को उजागर करने वाले अधिवक्ता और RTI एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने कहा कि यदि विंडलास की भूमि घोटाले का एक छोटा सा मामला सीबीआई को सौंपा जा सकता है तो चाय बागान की चार हजार और सीलिंग की तीन हजार बीघा जमीन जो कि करोड़ों की है, उसकी जांच एसआईटी की बजाए सीबीआई को देनी चाहिए। उनके अनुसार इस मामले में निबंधन और राजस्व विभाग के अफसरों की मिलीभगत है और इसके तार पूरे उत्तर भारत में फैले हुए हैं।

उन्होंने कहा कि एसआईटी बाहर के प्रदेशों में मामले की जांच नहीं कर सकती है। ऐसे में यह जांच सीबीआई को देनी चाहिए। विकेश नेगी ने कहा देहरादून नगर निगम से जुड़े भूमि प्रकरण, भू रिकार्ड व रजिस्ट्रीयों की जांच भी सरकार को करानी चाहिए। यहां भी जमीनों के गड़बड़झाले से जुड़े कई बड़े खुलासे होंगे। जमीनों के घोटाले को अफसरों और नेताओं की मिलीभगत से ही भूमाफिया अंजाम देते हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत होगी तो इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

दिल्ली छोड़ गांव लौटा बेटा: अरधेंदू बहुगुणा बना पहाड़ में बदलाव की मिसाल

पौड़ी गढ़वाल के खिर्सू ब्लॉक स्थित झाला गांव में अरधेंदू भूषण बहुगुणा नई उम्मीदों के …

error: Content is protected !!