उत्तरकाशी: चुनाव आयोग ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। छोटी-छोटी बातों पर बड़ा एक्शन लिया जा रहा है। इससे राजनीतिक दलों में हड़कंप मचा हुआ है। उनको यह समझ नहीं आ रहा है कि प्रचार करें भी तो कैसे। बैठकों और सभाओं पर तो रोक लगी ही है। अब सोशल मीडिया पर भी चुनाव आयोग का कड़ा पहरा है।
निर्वाचन आयोग ने उत्तरकाशी कांग्रेस जिलाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत और प्रदेश उपाध्यक्ष विजयपाल सिंह सजवाण को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनपर 11 जनवरी को गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सार्वजनिक भवन में बिना अनुमति बैठक करने का आरोप है। उन्हें 48 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
मंगलवार को गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के हिटाणू गांव में एक युवक फेसबुक लाइव करते हुए सार्वजनिक भवन में पहुंचा, जहां कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विजयपाल सिंह सजवाण की बैठक चल रही थी। लाइव वीडियो में युवक ने कांग्रेस पार्टी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया। युवक ने कहा, पार्टी ने बिना अनुमति के गांव के सार्वजनिक भवन में दावेदार के समर्थन में बैठक आयोजित की है।
इसमें धारा 144 का भी उल्लंघन किया गया है और बैठक कोरोना गाइड लाइन का पालन भी नहीं किया गया। यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद बुधवार को रिटर्निंग आफिसर चतर सिंह चौहान ने जगमोहन सिंह रावत और विजयपाल सिंह सजवाण को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
जबकि, एक अन्य मामले में शांति गोपाल रावत को भी आयोग ने नोचिस जारी किया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर एक विडियो पोस्ट किया किया, जिसका शांति गोपाल ने जिला मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) से प्रमाणन नहीं करवाया था। इसके संबध में भी रिटर्निंग आफिसर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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