देहरादून: हरिद्वार कुंभ Corona जांच फर्जीवाड़े में गड़बड़ी के बाद सरकार ने तत्काल जांच के आदेश जारी जरूर कर दिए। मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। वैसे-वैसे मामले में और खुलासे होते जा रहे हैं। CM तीरथ सिंह रावत ने कि यह मामला उनके कार्यकाल का नहीं है।
उनके इस बयान पर पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी जवाब दिया है। अब दोनों सीएम और पूर्व CM आमने-सामने हो गए हैं। अब TSR की इस जंग में हरक सिंह रावत भी कूद गए हैं। उन्होंने त्रिवेंद्र को ही नसीहत दे डाली।
यहां सवाल इस बात का है, जो बहस जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी होनी चाहिए थी। वह अब सिमटकर वर्तमान CM और पूर्व CM ककी जुबानी जंग के बीच आकर अटक गई है। एक और बड़ा सवाल यह है कि अब तक इस पूरी जांच में कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत का नाम कहीं नहीं आया है। जबकि इसकी पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की बनती है।
पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह जांच में पता चल जाएगा कि मामला किस कालखंड का है। उन्होंने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, कुंभ (Haridwar kumbh) मेले की अधिसूचना हमारे समय में हुई थी, जो पहली अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए थी।
CM तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैं मार्च में आया हूं। जब मैंने इसकी छानबीन की। मैं दिल्ली में था, मैंने दिल्ली से आते ही मामले की जांच (Kumbh corona report) बैठाई। मैं चाहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
CM के इस बयान के बाद पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह हत्या के प्रयास का मामला है। उन्होंने CM से अनुरोध किया कि मामले की न्यायिक जांच कराएं। जनता के सामने यह भी आना चाहिए कि यह किस दौरान का मामला है। आखिर कब इस तरह के लाखों टेस्ट हुए और कब उन्हें नेगेटिव दिखा दिया गया। CM के बयान का स्वागत करता हूं। उस पर मैं गहरी जांच की मांग करता हूं।