Sunday , 22 December 2024
Breaking News

उत्तरखंड के दो पेड़ों की अनोखी प्रेम कहानी, बोगनवेलिया और देवदार…अलविदा

  • प्रदीप रावत (रवांल्टा)

अल्मोड़ा: हर शहर की पहचान होती है…। लैंडमार्क होता है…। कुछ यादें ऐसी होती हैं, जो हर किसी के जेहन में सदा के लिए घर कर जाती हैं…। उन यादों को लोग हमेशा के लिए सहेज लेना चाहते हैं। ऐसी ही यादें अल्मोड़ा में करीब 200 साल के इतिहास को अपने आप में समेट बोगनवेलिया और देवदार का पेड़…जो आज तक पूरी शान से अपने दोस्त कहें या प्रेमिका बोगनवेलिया के साथ खड़ा था, लेकिन आज वो गिर गए हैं। इनके गिरने से लोग दुखी हैं। भावुक हैं…। दोनों एक-दूसरे के दोस्त और दोनों के बीच गहरी मोहब्बत नजर आती थी…। इन दोनों की गलबहियां के साये में कई मोहब्बत करने वालों ने अपने प्यार का इजहार किया होगा…। कइयों ने अपनी प्रेमिका को बोगनवेलिया के फूल तोहफे में दिए होंग…पर अब वो बस यादें ही यादें रह गई हैं…।

शायद ही आपने पहले कभी देखा होगा

ऐसा शायद ही आपने पहले कभी देखा होगा, लेकिन इस पेड़ के लिए कुछ लोगों की आंखें नम भी हो गई। बोगनवेलिया से सजा ये पेड़ अल्मोड़ा की पहचान बन चुका था। पोस्ट ऑफिस रोड पर मौजूद पेड़ बोगनवेलिया से ढाका रहता था…सजा रहता था…। यह पेड़ अल्मोड़ा की शान तो था ही…। इस पर लिपटी बेल और उस पर लगे बैगनी फूलों की खूबसूरती अल्मोड़ा की खूबसूरती को भी चारचांद लगाती थी।

पहले जब सेल्फी का जमाना नहीं था

सेल्फी के जमाने में ये सेल्फी प्वाइंट बन चुका था, लेकिन उससे पहले जब सेल्फी का जमाना नहीं था, तब भी लोगों ने इसके पास खड़े होकर कई यादगार तस्वीरें खिंचवाई होंगी…..। अपनी मोहब्बतों का इजहार किया होगा…। इस पेड़ से लोगों का एक नाता जुड़ चुका था..। एक रिश्ता बंध चुका था…। ऐसा रिश्ता, जिसके टूटने और बिखरने से लोग अब भावुक हैं। लोग बोगनवेलिया और देवदार की मोहब्बत और हमेशा साथ रहने के बिछुड़न…से इसके गिरने से दुखी हैं। चैघानपाटा में बोगनबेलिया और देवदार का खूबसूरत और विशाल पेड़ भारी बारिश के कारण अब फिर कभी खड़ा नहीं हो सकेगा।

पेड़ के गिरने की खबर

पेड़ के गिरने की खबर…जैसे-जैसे जिसके मिली…। वैसे-वैसे लोग भी उसे देखने चले आए…। लोग पेड़ के साथ अपने रिश्ते को यूंही ही खत्म नहीं होने देना चाहते…। इसलिए लोग उसकी टहनियों को तोड़कर या काटकर अपने घर ले गए…। उन टहनियों को बोगनबेलिया और देवदार की यादों के रूप में अपने पास समेट लेना चाहते हैं।

बुजुर्ग भावुक हो गए

शहर के बुजुर्ग तो बोगनवेलिया और देवदार के पेड़ को इस हालत में देखकर भावुक हो गए। वो केवल एक पेड़भर नहीं था…। पूरा इतिहास था…एक सदी का इतिहास…। बोगनवेलिया इस पेड़ को हर साल मई और जून के महीने में बैगनी फूलों से लाद देता था…जिससे इसकी खूबसूरती देखते ही बनती थी। पर्यटक इसे देखकर खुद को उसके पास जाने से नहीं रोक पाते थे। सेल्फी लेना तो बनता ही था…।

दुनिया जब कोरोना से मुक्त होगी

दुनिया जब कोरोना से पूरी तरह मुक्त होगी और लोग फिर से अल्मोड़ा आएंगे, तो वो देवदार और उसकी मोहब्बत बोगनवेलिया को जरूर मिस करेंगे…। जैसे अल्मोड़ा के लोग कर रहे हैं। बोगनवेलिया और देवदार भी एक-दुसरे का मिस कर रहे होंगे…। एक-दूसरे से सदा के लिए जुदा होने का गम उनको भी सता रहा होगा…।

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

मुख्यमंत्री ने किया 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कनक चौक, देहरादून में 188.07 करोड़ की कुल 74 योजनाओं …

error: Content is protected !!