उत्तर प्रदेश के निर्दलीय हत्यारोपी विधायक अमनमणि त्रिपाठी यूपी से चमोली तक जा पहुंचा। किसी ने उनको रोका क्यों नहीं ये सवाल सबसे बड़ा है ? इस सवाल का जवाब ये है कि उनके पास देहरादून जिला प्रशासन की ओर से जारी पास था। ये पास कोई ऐसा-वैसा पास नहीं था। इस पास को जारी करवाने के लिए मुख्यमंत्री के करीबी आईएएस अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बाकायदा लेटर जारी किया था। शर्म की बात ये है कि अब वो देहरादून के डीएम को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
देहरादून आए ही नहीं
इस पूरे मामले में अब एक और बड़ा खुलासा ये हुआ है कि यूपी के बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी तो देहरादू आए ही नहीं, फिर उनका पास देहरादून से क्यों जारी किया गया ? इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? देहरादून जिला प्रशासन या फिर पास जारी कराने के लिए चिट्ठी लिखने वाले अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ? ओम प्रकाश ने दबाव बनाकर डीएम से पास जारी करवा लिया और अब वो कह रहे हैं कि ये डीएम की लापरवाही है।
परिवार से बोला झूठ
अमनमणि त्रिपाठी को लेकर एक खुलासा ये सामने आ रहा है कि वो नजीबाबाद के रास्ते कोटद्वार गए और फिर वहां से सीएम योगी के गांव 2 मई को 13वीं के कार्यक्रम में पहुंच गए। बड़ी बात ये है कि वहां उन्होंने परिवार वालों से झूठ बोला कि वो श्रीनगर तक जा रहे हैं। उनको कुछ काम है। इतना कहने के बाद वो वहां से चले गए। योगी के परिवार और सीएम योग को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी।
किसी ने चेक नहीं किया
एक और बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि अमनमणि त्रिपाठी जिस रूट से कोटद्वार पहुंचे हैं। कोटद्वार की सीमा यूपी के बिजनौर जिले से लगती है और इनको पूरी तरह सील किया गया है। फिर कैसे विधायक के काफिले को जाने दिया गया ? पौड़ी पुलिस ने उनको रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया ? हैरत की बात है कि उनको मिले पास को चेक करने की किसी ने जहमत नहीं उठाई।
शासन की अनुमति जरूरी
यूपी से दूसरे प्रदेश में जाने के लिए शासन की अनुमति जरूरी है। बावजूद बिना अनुमति के अमनमणि त्रिपाठी उत्तराखंड की सीमों कैसे पहुंच गया ? क्या यूपी से उन्होंने कोई पास बनाया था या फिर बगैर पास के ही उत्तराखंड में आ गए ? चर्चा तो इस बात की भी है कि अमनमणि त्रिपाठी ने फर्जी लेटर हेड पर फर्जी पास जारी करवाया था, जिसकी अब यूपी सरकार ने जांच शुरू कर दी है।
…Pradeep Rawat (रवांल्टा)