Friday , 22 November 2024
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बड़ी खबर: ‘तमंचे पर डिस्को’ और ‘पहाड़ियों’ को गाली देने वाले ‘चैंपियन’ का BJP में कमबैक क्यों ?

Dhradun : कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन। ये वो विधायक हैं, जो किसी भी पार्टी में रहेंगे चुनाव जीत ही जाएंगे। चैंपियन पिछले कई सालों से चुनाव जीतते आ रहे हैं। सवाल यह है कि जो विधायक गुंडों की तरह काम करता है। उत्तराखंड के लोगों को गाली देता है। वो विधायक पहाड़ियों के सम्मान, अनुशासन, सुचिता, गालीबाजों को बाहर का रास्ता दिखाने के दावे करने वाले पार्टी उसी विधायक को एक साल के भीतर ही पार्टी में कैसे वापस ले सकती है। क्या ये पहाड़ियों का अपमान नहीं है ? क्या उस पहाड़ के लिए भाजपा के लिए कोई मायने नहीं, जिसके लिए वो दावे करती हैं कि अटल जी ने बनाया मोदी ने सवांरा ? ऐसे विधायक को भले भाजपा हाथ से कैसे जाने देती। भाजपा को पता है कि एक सीट तो उनकी पक्की है। इसी चुनावी गणित के लिए पहाड़ को गाली देने वाले विधायक से भी भाजपा को कोई गुरेज नहीं है। 

पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की पार्टी में वापसी हो गई है। अब वो फिर से साफ और पवित्र हो गए हैं। सुधर गए हैं। भाजपा नेता उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं। आखिर चैंपियन ने ऐसा क्या साबित कर दिया कि पार्टी के नेता अब उनको अच्छा बता रहे हैं। पार्टी के वर्तमान और पूर्व अध्यक्ष उनकी तारफ कर रहे हैं।

पूर्व अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि चैंनियन कई भाषाएं जानते हैं। अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं। वर्तमान विधायक बंशीधर भगत भी कह रहे हैं कि वो सुधर गए हैं। उनकी निष्कासन के दौरान उन्होंने अच्छा व्यवहार किया। भाजपा नेता विनय गोयल टीवी चैनल पर बयान दे रहे थे कि अपराधियों को भी कोर्ट रिहा कर देता है। चैंपियन ने तो कोई गुनाह नहीं किया। इससे भाजपा की पार्टी लाइन पर ही सवाल खड़े होते हैं।

उत्तराखंडियों को गाली देने के अलावा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपने बयानों और कारनामों से कुछ ना कुछ विवाद खड़ा करते रहते हैं। करीब एक साल पहले सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें चैंपियन तमंचे पर डिस्को करते नजर आए थे। इसके अलावा झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के साथ उनको विवाद खासी चर्चाओं में रहा। इसके अलावा दिल्ली स्थिति उत्तराखंड भवन में भी उन्होंने कुछ लोगों के साथ भद्रता की थी। इससे पहले भी उनके कई तरह के विवादित वीडियो सामने आते रहे थे।

 

  • Pradeep Rawat (रवांल्टा)

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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