Friday , 22 November 2024
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एक्सक्लूसिव: नेता और दबंगों की ‘व्यवस्था’, गरीबों के लिए ‘कानून’, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

देहरादून: उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड के बाद राजस्व पुलिस और रेगुलर पुलिस की बहस छिड़ गई है। सरकार ने हालिया कैबिनेट में कुछ क्षेत्रों को राजस्व से रेगुलर पुलिस में शामिल करने के फैसले पर मुहर लगा दी है। लेकिन, अब सोशल मीडिया पर पुलिस और राजस्व पुलिस के लंबित मामलों को लेकर नई बहस छिड़ी हुई है।

उत्तराखंड विकास पार्टी के अनुसार राज्य के हालात यह हैं कि कानून व्यवस्था के नाम पर व्यवस्थाएं भले ही नेता, दबंग और प्रभावशाली लोगों के हिसाब से हो जाएं। लेकिन, जब कानून की बात आती है तो कानून केवल गरीबों पर थोपा जाता है। उन्हें कानून की परिभाषा बता कर टरका दिया जाता है।

हाल के दिनों में अंकिता हत्याकांड के बाद जिस तरह से कुछ पुराने मामले सामने आए हैं। उससे एक बात तो साफ है कि रेगुलर पुलिस ने कई बड़े मामलों को ना केवल ठंडे बस्ते में डाल दिया। बल्कि, हत्या के मामले को बदलकर आत्महत्या करार देकर FR लगा दी, जिसे कोर्ट ने मानने से इंकार कर दिया।

कनून व्यवस्था पटरी से उतरी नजर आ रही है। सरकार भले ही लाख दावे करे लेकिन, राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार नजर नहीं आ रहा है। अंकिता भंडारी केस के कारण पुलिस का छिपाया हुआ केदार भंडारी हत्याकांड सामने आया साथ साथ ही ममता बहुगुणा की गुमशुदगी को आत्महत्या दिखाना सामने आया जिसमें स्थानीय विधायक के दबाव की बात सामने आई।

इस केस में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को अदालत ने मानने से इंकार कर दिया। अब रुद्रप्रयाग से मनोज पंवार के महीने भर से ऊपर गायब होने की सूचना के साथ पिंकी को इंसाफ दिलवाने की आवाज जनता उठा रही है।

इसी बीच मोदी के मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की साजिश का पर्दाफाश हुआ जिसने बताया कि अपराधियों को पुलिस का कोई खौफ नहीं है। ठाकुरद्वारा में यूपी पुलिस ने इनकाउंटर के नाम पर ज्येष्ठ उप प्रमुख की घरवाली के सीने में गोली मार दी।

घायल पुलिस वाले काशीपुर अस्पताल सीसे भाग गए। यूपी पुलिस ने ज्येष्ठ उप प्रमुख के नाम यूपी में एफआईआर दर्ज कर दी। डीआईजी कुमाऊं ने बयान दिया कि बिना सूचित किए यूपी पुलिस उत्तराखण्ड नहीं आ सकती तो आईजी लॉ एंड ऑर्डर ने बोला कि आ सकती है।

रुद्रपुर में ही एक और व्यवसाई की पंजाब से आए भाड़े के हत्यारों ने हत्या कर दी। रही सही कसर वित मंत्री के भाई के घर हुई चोरी ने पूरी कर दी।

अल्मोड़ा में प्रेमनाथ जैसे शक्तिशाली व्यक्ति को दुराचार के आरोपी होने पर मात्र इसलिए पकड़ा जा सका कि जनता वैसे ही प्रदेश में हो रही घटनाओं पर उद्वेलित थी और सोशल मीडिया में आई इस खबर ने कि दुराचारी के खिलाफ प्रशासन कार्यवाही नहीं कर रहा है आग में घी का काम किया साथ ही यह पता चला कि प्रेमनाथ ने प्रशासन के साथ हम साथ होकर सरकारी जमीन भी कब्जायी हुई है।

यही हाल हाकम की कब्जायी हुई जमीन का पता चला कि प्रशासन की मिलीभगत से हाकम ने सरकारी राजस्व भूमि तो राजस्व भूमि रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन पर रिसोर्ट बना लिया था और अधिकारियों ने अंध भक्तों की तरह आंखें मुंदी हुई थी ।

इनको तोड़ने के आदेश के बावजूद अधिकारियों ने हाकम को पूरा मौका दिया कि वह रिसोर्ट का एक-एक सामान उठाकर कहीं और शिफ्ट कर दे। उत्तरकाशी में एक लड़की के साथ हुए दुराचार के कारण वह स्कूल नहीं जा पा रही और इस प्रदेश के एक मंत्री द्वारा उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और कप्तान को लिखने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। प्रदेश के तमाम इलाकों में इस तरीके के किस्से आम है चाहे कोटद्वार हो और चाहे पिथौरागढ़।

 पुलिस के एक सिपाही के द्वारा हरिद्वार में तैनात कोटद्वार के एक होमगार्ड की पत्नी को मार कर अधमरा कर फेंक दिए जाने की घटना भी ऋषिकेश क्षेत्र में घटी और पुलिस अधिकारी अभी भी मौन है।

 यानी भ्रष्टाचार अब इतना वृहद रूप ले चुका है कि इसके पहाड़ के बोझ के तले सत्ता दब चुकी है।

ऐसे में पटवारी क्षेत्र में अपराधों के पटवारियों के द्वारा लंबित रखे गए अपराधों पर समीक्षा कर रहे हैं। पुलिस और पटवारी दोनों के द्वारा अपराधियों के लंबित केसों की समीक्षा अवश्य होनी चाहिए।

भ्रष्टाचार की पुष्टि के बावजूद मंत्री पद पर बने रहना बताता है की मोदी सरकार के एजेंडे में कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार किस के पैरों के तले कुचला जा रहा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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