उत्तरकाशी: टेली मेडिसिन हेली एंबुलेंस के दावे करने वाले उत्तराखंड सूबेदार को शायद लोगों का दर्द नजर नहीं आता। आप जो वीडियो देख रहे हैं, मोरी ब्लाॅक के ओसला-गंगाड़ क्षेत्र का बताया जा रहा है। इसमें जो नजारा है, वो यहां के लोगों के लिए आम बात है। एक गर्भवती महिला को 14 किलोमीटर कंधों पर अस्पताल लाया गया। खबर ये है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला के बच्चे की मौत हो गई।
उत्तरकाशी जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की असल हकीकत जाननी है तो सुदूरवर्ती मोरी ब्लॉक बहुत कुछ बताती है। उत्तराखंड बनने के बाद लोगों को उम्मीद जगी थी कि उनकी हालत सुधरेगी, लेकिन स्थिति अब भी जस की तस है। दूरस्थ इलाके ना तो पहले सरकार की प्राथमिकता थे और ना आज हैं।
ओसला-गंगाड़ क्षेत्र की गर्भवती महिला को कंधों पर अस्पताल के लिए लाया गया। लोगों ने पूरा प्रयास किया, लेकिन महिला को समय से अस्पताल नहीं पहुंचा सके। उनके पहुंचने से पहले गर्भस्त बच्चे की मौत हो गई। मोरी ब्लॉक के सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश ने बताया कि जहां देश 21वीं सदी की ओर जा रहा है। वहीं, हम आज भी जानवरों की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं।