Wednesday , 4 December 2024
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उत्तराखंड: ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों पर कसेगा शिकंजा, ऐसा होगा जनसंख्या नियंत्रण कानून!

देहरादून: जनसंख्या नियंत्रण (population law) के लिए प्रभावी कानून हेतु उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व, पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज की चुनौती के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और जनसंख्या वृद्धि इस समस्या को और अधिक बढा रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश की जनता भी इसको लेकर विशेष रूप से चिंतित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिये एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर एक प्रभावी कानून लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठायेगी। राज्य हित में जो भी कदम उठाने पड़ेंगे, सरकार उनको जरूर उठाएगी।

जनसंख्या नियंत्रण विधेयक (Population Control Bill) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt) ने जो मसौदा तैयार किया है, वह उत्तराखंड (Uttarakhand) के लिए अच्छा खासा संसाधन साबित हो सकता है। वास्तव में, उत्तराखंड सरकार अपने राज्य की जनसांख्यिकीय और सामाजिक स्थितियों के मद्देनज़र अपना अलग कानून बनाने की कवायद कर रही है, जिसके लिए यूपी के मसौदे का अध्ययन किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश की तर्ज

यह कवायद पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दो महीने पहले शुरू कर दी थी। जब RSS से संबंद्ध 35 पदाधिकारियों ने सीएम धामी से मुलाकात कर राज्य में असम और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग की थी। उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में समुदाय विशेष की आबादी बढ़ने से कुछ समुदायों के सामने पलायन तक की स्थिति बन रही है। यही नहीं, जनसंख्या असंतुलन की वजह से सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के भी आसार हैं। इस बयान को जनसंख्या कानून के तर्क के रूप में समझा गया।

ऐसा हो सकता है जनसंख्या कानून
उत्तर प्रदेश के विधि ​आयोग की ओर से तैयार कानून का जो मसौदा तैयार किया गया है। उसके प्रजनन दर को कम करने के लिए दो से अधिक बच्चे पैदार कने वाले अभिभावकों के लिए भत्ते कम करने की सलाह दी गई। जो अभिभावक दो या उससे कम बच्चे पैदा न करने का विकल्प अपनाते हैं, उन्हें कई तरह के लाभ देने की भी योजना है।

साथ ही दो से अधिक बच्चे पैदा करने वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। ऐसे लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाए, हालांकि उत्तराखंड में यह नियम पहले से ही लागू हैं। ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन से वंचित करने का भी सुझाव दिया गया है।

साथ ही दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नहीं देने का प्रावधान करने के लिए भी कहा गया है। कई अन्य प्राविधान भी किए गए हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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