उत्तरकाशी : कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड में देश के विभिन्न शहरों में काम करने वाले करीब 22 हजार लोग वापस अपने घरों को लौटे हैं। उत्तरकाशी जिले में भी करीब 2 हजार लोग अलग-अलग शहरों से वापस आ चुके हैं। ऐसे लोगों को उनके घर पहुंचाने और और उनकी जांच का जिम्मा आयुर्वेदिक, यूनानी चिकित्सकों के साथ ही आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं और राजस्व कर्मियों के जिम्मे है।
हैरानी की बात यह है कि किसी को भी मास्क और सैनिटाइजर नहीं दिए गए हैं। डीएम उत्तरकाशी को भी इनकी कोई चिंता नजर नहीं आ रही है। दरअसल, यह सभी कर्मी सैनिटाइजर और मास्क की मांग कर चुके हैं। बावजूद इसके उनको मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराए गए। बताया जा रहा है कि लोगों को यह कहा गया कि मास्क सैनिटाइजर की कोई जरूरत फिलहाल नहीं है। जबकि इन लोगों को मास्क और सैनिटाइजर की सबसे ज्यादा जरूरत है।
कोरोना वायरस के लक्षण 5 या 14 दिनों बाद भी नजर आ सकते हैं। इस बीच उसके संपर्क में आया कोई भी व्यक्ति इनफेक्टेड हो सकता है।इस खतरे को नजरअंदाज करते हुए राजस्व कर्मियों, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को और आयुर्वेद, यूनानी चिकित्सकों को इन लोगों की स्वास्थ्य जांच करने के लिए लगा दिया गया है।
हैरानी की बात यह है कि इस संबंध में डीएम उत्तरकाशी को कई बार फोन किया गया। लेकिन, उन्होंने एक बार भी फोन का जवाब नहीं दिया। यह कोई पहली बार नहीं है कि डीएम ने नहीं फोन नहीं उठाया। वो अक्सर लोगों के फोन नहीं उठाते हैं, जबकि इस वक्त मामला बेहद गंभीर है। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।बावजूद इसके वह लोगों के फोन नहीं उठा रहे।