देहरादून : 2021 आज विदा ले रहा है। नए साल के स्वागत की तैयारियों जोरों पर हैं। हर कोई नए साल के स्वागत के लिए तैयार है। नये साल में हर कोई कुछ ना कुछ नया और बेहतर करने की योजनाएं बनाते हैं। नया साल भी कुछ न कुछ बदलाव जरूर लेकर आता है। इस बार नया साल बदलाओं के साथ ही महंगाई भी अपने साथ पहले दिन से ही लेकर आने को तैयार है।
नए साल से महंगाई
नए साल के पहले दिन से खाने की चीजों से लेकर पहनने के कपड़े और जूते तक सबकुछ महंगा होने वाला है। और तो और उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों में इलाज भी महंगा हो जाएगा। एटीएम से कैश निकाला भी और महंगा हो जाएगा। ओला और उबर जैसी कार बुकिंग सेवा और छोटे ढाबों से स्विगी या जोमेटो से खाना मंगाना भी पहले से ज्यादा महंगा होने वाला है।
सरकारी अस्पताल में इलाज महंगा
नए साल में बड़ी चोट सरकारी अस्पताल में इलाज कराने वालों पर पड़ रही। मरीजों के पंजीकरण से लेकर भर्ती शुल्क व अन्य प्रकार की जांच के लिए दस फीसद अधिक शुल्क चुकाना पड़ेगा। सरकारी अस्पताल में वर्तमान में ओपीडी पर्चा 28 रुपये में बनता है, लेकिन नए साल के पहले ही दिन यानी शनिवार से पर्चा 31 रुपये में बनेगा। इतनी राहत जरूर रहेगी कि दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय एवं अन्य सरकारी मेडिकल कालेजों में इलाज महंगा नहीं होगा, लेकिन राजकीय कोरोनेशन चिकित्सालय एवं गांधी शताब्दी अस्पताल समेत अन्य CHC व PHC में इलाज जरूर महंगा हो जाएगा। सरकार के शासनादेश के तहत एक जनवरी से सरकारी अस्पताल में पंजीकरण व अन्य जांच का शुल्क दस फीसद बढ़ाए जाने का प्रविधान है। इसी क्रम में हर साल सरकारी अस्पताल का इलाज महंगा हो रहा है। यह नियम मेडिकल कालेज बनने के उपरांत दून अस्पताल पर लागू नहीं होता।
कपड़े और जूते होंगे महंगे
रेडीमेड गारमेंट और जूते-चप्पल खरीदने पर जीएसटी की दरों में नए साल में वृद्धि हो जाएगा। इससे जूते और कपड़े खरीदने के लिए ग्राहकों को अब ज्यादा रकम खर्च करनी होगी। अब तक 1000 रुपये से कम कीमत के जूते और कपड़ों पर सरकार की ओर से पांच फीसद दर से जीएसटी वसूल किया जा रहा था, लेकिन अब सरकार की ओर से इसे 12 फीसदी कर दिया गया है। आमजन के साथ इसका असर व्यापारियों पर भी पड़ेगा। व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं और शुक्रवार को दून के थोक बाजार में महाबंद आह्वान किया गया है।
आनलाइन वाहन बुकिंग महंगी
नए साल से ओला व उबर जैसी मोबाइल एप से टैक्सी व आटो बुक करना भी महंगा हो जाएगा। सरकार ने इनकी बुकिंग में पांच फीसद जीएसटी लगा दिया है। बताया गया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में पिछले दिनों टैक्स को लेकर कईं बड़े फैसले किए गए थे। इसमें आनलाइन वाहन बुकिंग एवं आनलाइन खाना आर्डर करने पर कंपनी या रेस्तरां संचालक के बजाए उस कंपनी से ही टैक्स वसूला जाएगा, जो यह सेवा उपलब्ध करा रही। यानी, ओला, उबर, स्विगी और जोमैटो आदि। इन सभी पर पांच फीसद का जीएसटी लगाया गया है, जो यह ग्राहक से वसूल करेंगी।
निकासी पर चार्ज लगेगा
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आइपीपीबी) में नए साल से पैसा जमा करने व निकासी पर चार्ज लगेगा। बचत और चालू खाते के लिए मासिक कैश निकासी 25 हजार रुपये तक मुफ्त है। यह सीमा खत्म होने के बाद 0.50 फीसद यानी न्यूनतम 25 रुपये प्रति निकासी शुल्क लिया जाएगा। इसी तरह से मासिक 10 हजार रुपये कैश जमा करना मुफ्त है, लेकिन इसके बाद 0.50 फीसद शुल्क लिया जाएगा।
ATM से कैश निकलना होगा महंगा
नए साल में मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा के खत्म होने के बाद एटीएम से कैश निकासी महंगी हो जाएगी। इसके लिए अधिक चार्ज चुकाना पड़ेगा। अभी मुफ्त ट्रांजेक्शन सीमा खत्म होने के बाद एटीएम से कैश निकासी पर ग्राहकों को प्रति ट्रांजेक्शन 20 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगता है, लेकिन नए साल में यह शुल्क बढ़कर 21 रुपये हो जाएगा। अभी एटीएम में एक माह में चार ट्रांजेक्शन की मुफ्त सीमा है।