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उत्तराखंड : विधायकों के कब्जे में PWD के गेस्ट हाउस! दादागिरी से खाली करा देते हैं कमरे

  • प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’

जनप्रतिनिधि वैसे तो जनता की सेवा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए होते हैं। लेकिन, कुछ ऐसे भी हैं, जो मनमानी पर उतारू हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तरकाशी जिले के नौगांव में सामने आया है। पुरोला से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल इसको लेकर चर्चाओं में हैं।

दरअसल, 26 मार्च को यमुना वैली पब्लिक स्कूल नौगांव का वार्षिकोत्सव लोक निर्माण विभाग गेस्ट हाउस के ग्राउंड में था। इसी गेस्ट हाउस में बाकायदा SDM के माध्यम से 25 और 26 मार्च की रात के लिए दो कमरे भी बुक कराए गए थे। यमुना वैली पब्लिक स्कूल के निदेशक शशि मोहन रावत ’रवांल्टा’ पांचजन्य जैसी प्रतिष्ठित संस्थान में भी आर्ट डायरेक्टर के पद पर हैं। यह जानकारी हाने के बाद भी विधायक ने एक कमरे की बुकिंग अधिकारियों पर दबाव बनाकर कैंसिल करवा दी।

इससे पहले पुरोला के पूर्व विधायक से कमरा खाली कराने का मामला भी काफी चर्चा में रहा था। एक और बात यह भी है कि जिस आयोजन में मेहमानों के लिए कमरा बुक कराया गया था, उसमें भाजपा नेता कर्नल अजय कोठियाल मुख्य अतिथि थे। साथ ही भाजपा के जिला अध्यक्ष सतेंद्र राणा भी बतौर अतिथि आमंत्रित थे।

सवाल यह है कि क्या लोक निर्माण विभाग के बंगले और उनके कमरे विधायकों के लिए बनाए गए हैं? मान भी लेते हैं कि विधायक उन कमरों में रह सकते हैं। लेकिन, क्या यह सही है कि विधायक अपने नाम पर वहां किसी के भी ठहरा दें? ऐसी ही यमुना घाटी के अन्य गेस्ट हाउस की स्थिति भी है। इन गेस्ट हाउसों में विधायकों के नाम पर उनके चाहने वालों का कब्जा रहता है।

नियमानुसार गेस्ट हाउसों के कमरे राज्य के अतिथि, मंत्रियों और उच्चाधिकारियों के लिए हैं। लेकिन, जब भी किसी गेस्ट हाउस के बारे में जानकारी मांगी जाती है। यह जवाब मिलता है कि कमरे फलां विधायक के लिए रिजर्व रखे गए हैं। सरकार को यह तय करना है कि क्या यह सही है?

एक और बड़ी बात यह भी सामने आई है कि अगर आपको किसी माध्यम से कमरा मिल भी गया तो विधायक के आने या उनके चहेतों के आने पर कमरा आपको खाली करना होगा, चाहे आधी रात ही क्यों ना हो, क्या यह मनमानी और दादागिरी नहीं है? इससे सरकार की छवि को भी धक्का लगता है। ऐसा पहले भी हो चुका है कि विधायक किसी भी वक्त आकर कमरा खाली करा लें। इसे क्या कहा जाए?

इस तरह के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। यमुना वैली पब्लिक स्कूल के निदेशक शशि मोहन रावत रवांल्टा ने कहा कि यह ठीक नहीं है। बताया गया कि जिस कमरे को खाली कराया गया। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी के लिए बुक कराया गया था। ऐन मौके पर आयोजकों दूसरी व्यवस्था करनी पड़ी। जबकि, एसडीएम ने बाकायदा अनुमति जारी की थी।

मेहमानों का अपमान

सबसे बड़ी बात है जो रंवाई घाटी अपनी संस्कृति और मेहमानबाजी के लिए जानी जाती है, वहां दूसरे राज्य से मेहमानों का अपमान किया गया। उनसे कमरा खाली कराया गया। यह ना केवल मेहमानों का अपमान था, बल्कि रंवाई घाटी की साख पर भी बट्टा लगाने जैसा। अगर इसी तरह चलता रहा तो, दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोग क्या संदेश लेकर जाएंगे।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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