उत्तरकाशी: देख तमाशा कुर्सी का…त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ग्राम प्रधानों का अध्याय तो सिमट गया, लेकिन अब असली खेल ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए खेला जा रहा है। अब खेला कौन करेगा, इसी पर सबकी नजर है। इन दिनों उत्तरकाशी के राजनीतिक गलियारों में एक नया श्गणितश् चल रहा है, जिसे देखकर गणितज्ञ भी हैरान हैं और आम जनता भी सिर खुजा रही है। सवाल यह है कि उत्तरकाशी में जिला पंचायत सदस्यों की कुल संख्या कितनी है?
आप कहेंगे, श्ये कैसा बेतुका सवाल? सबको पता है कि 28 जिला पंचायत वार्ड हैं, तो 28 ही सदस्य होंगे!श् पर जनाब, आपका यह सरल गणित व्हाट्सएप और फेसबुक के सूत्रों के दावों के सामने फेल हो रहा है।
सुनने में आ रहा है कि भाजपा के पास 16 सदस्य हैं, कुछ तो उन्हें 19 बता रहे हैं। वहीं, सुखदेव रावत भी 10 सदस्यों के संपर्क में होने का दावा कर रहे हैं। और दीपक बिजल्वाण के पास तो 15 सदस्य बताए जा रहे हैं। अब अगर इन सभी दावों को जोड़ा जाए तो कुल सदस्यों की संख्या लगभग 41 तक पहुंच जाती है! अब बताइए, मेरा सवाल पागलों वाला नहीं है ना? जब जीते हुए सदस्य ही 28 हैं, तो ये एक्स्ट्रा कहां से प्रकट हो रहे हैं, यह शोध का विषय है!
उत्तरकाशी की मंडी में आजकल रेट कुछ ज्यादा ही हाई चल रहे हैं। कौन, किसे और कैसे खरीद रहा है, यह तो नहीं पता, पर ज़ाहिर है जनता के वोट अब जनप्रतिनिधियों के रूप में फिर से मोलभाव के केंद्र में आ गए हैं।
एक बात जा कॉमन है, वह यह है कि उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष के तीनों प्रमुख दावेदार यमुना घाटी यानी रवांई क्षेत्र के ही हैं। तो मेरा सीधा सुझाव है, तीनों सूरमा एक मेज पर बैठो, चाय-नाश्ता करो और तय कर लो कि करना क्या है? बारी-बारी से अध्यक्ष बन जाओ, पर ये भ्रम तो न फैलाओ कि मेरे पास इतने हैं, उसके पास उतने हैं, फलाणे के पास इतने हैं।
ऐसे तो लोग कन्फ्यूज़ हो गए हैं कि हमने तो 28 जिताए थे, ये 40-41 कैसे हो गए? बहरहाल, उत्तरकाशी की यह गणितीय पहेल जल्द ही सुलझने वाली है। तब तक के लिए, दावों की इस मंडी का आनंद लेते रहिए और सोचते रहिए कि आखिर कौन बाजी मारेगा?