देहरादून: उत्तराखंड के यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने के दिशा में उठाए गए कदमों की चर्चा पहले भी हुई थी और अब भी लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। सरकार की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक समिति गठित की गई है।
समिति को बड़ी संख्या में लोगों ने सुझाव दिए हैं। इन्हीं सुझाओं के आधार पर यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट (UCC) का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। समिति को जो सुझाव मिले हैं, उनमें से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को यूनिफॉर्म सिविल कोड समिति ने ड्राफ्ट में शामिल कर लिया है। हालांकि इनको अभी आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया है।
ड्राफ्ट में शामिल सुझाव
- नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी तय हो सकती है।
- इस्लाम में महिला को तीन तलाक देने के बाद दोबारा उसी और से विवाह करने की प्रक्रिया को निकाह हलाला कहते हैं। इस पर रोक लगाई जाएगी।
- प्रदेश में बहु विवाह पर रोक।
- राज्य में शादी का पंजीकरण अनिवार्य हो। साथ ही जो व्यक्ति शादी का पंजीकरण नहीं कराएगा तो उसे सरकारी सुविधाओं का लाभ न दिया जाए।
- लिव इन रिलेशनशिप घोषणा जरूरी हो, माता पिता को इसकी सूचना होनी चाहिए।
- पैतृक संपत्ति में सभी धर्मों की लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिले।
- गोद लेने की सुविधा सभी के लिए हो, मुस्लिम महिलाओं को भी मिले गोद लेने का अधिकार।
- पति-पत्नी दोनों के लिए तलाक के समान आधार लागू हों।
- बच्चे के अनाथ होने की सूरत में अभिभावक की प्रक्रिया आसान हो।
- पति-पत्नी के झगड़े की सूरत में बच्चों की कस्टडी उनके बुजुर्ग अभिभावकों दी जाए।
- लड़की की शादी की उम्र 21 साल किए जाने का सुझाव भी दिया गया है। इसमें यह कहा गया है कि कम से कम ग्रेजुएट होने के बाद ही लड़की की शादी हो।