बाजपुर : कहते हैं कि शादी जीवन में एक ही बार होती है। कुछ को छोड़कर ज्यादातर मामलों में ऐसा होता भी है। हर किसी की हसरत और ख्वाहिश अपनी शादी को यादगार बनाने की होती है देश और दुनिया में आलीशान शादियां दूल्हा दुल्हन के हेलीकॉप्टर से विदा लेने यहां पर आप लेने के क्षेत्र आपने सुनी होंगी लेकिन उत्तराखंड के उधम सिंह नगर बाजपुर में काशीपुर से आई बारात में सबको चौंका दिया।
ट्रैक्टर पर आई बारात
यहां दूल्हा ना तो घोड़ी पर सवार होकर आया। ना हेलीकॉप्टर और ना किसी की लग्जरी कार में। दूल्हा ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचा। जिस ट्रैक्टर पर सवार होकर दूल्हा दुल्हन को लेने पहुंचा उसे भी फूल मालाओं से सजाया गया था। शादी की रस्में पूरी करने के बाद दूल्हा अपनी दुल्हनिया को भी इसी ट्रैक्टर पर विदा कर अपने साथ ले गया। ट्रैक्टर पर निकली इस बारात को देखने लोग घरों से बाहर निकल आए। लोग इसे देखकर हैरान तो थे, लेकिन जब कारण जाना तो दूल्हे को शाबाशी दी। शादी की बधाई और शुभकामनाएं भी।
देशभर में आंदोलन की चर्चा
इस समय देश भर में किसान आंदोलन का मसला छाया हुआ है। 26 जनवरी को जो कुछ हुआ। उसके बाद किसान देशद्रोही हो गए। उन पर भाजपा के लोगों से हमला कराया जा रहा है। राजधानी दिल्ली के अलावा अलग-अलग शहरों में किसान आंदोलन का असर देखा जा सकता है। हालांकि, सब कुछ पता होने के बाद भी उन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है, बयान जारी कर कहा झंडा हमने फहराया और लोगों को भी हम ही लालकिले तक लेकर गए थे।
कृषि आंदोलन को समर्थन
ऐसे में किसान परिवारों से जुड़े लोग अपने अपने ढंग से किसान आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। उत्तराखंड के बाजपुर में किसान आंदोलन का समर्थन करती हुई एक अनूठी शादी देखने को मिली। कृषि आंदोलन को समर्थन देती यह शादी काशीपुर के सिवलजीत सिंह और बाजपुर की संदीप कौर की है।
ट्रैक्टर पर दूल्हा-दुल्हन, बारातियों के हाथ में झंडे
कृषि परिवारों से संबंध रखने वाले दूल्हा-दुल्हन ने अपने विवाह समारोह को ही किसान आंदोलन के समर्थन का जरिया बना लिया। बारात में दूल्हा खुद स्टेयरिंग संभाले ट्रैक्टर पर चल रहा था। पीछे चल रहे बाराती कृषि आंदोलन के समर्थन में झंडे लेकर चल रहे थे।
दुल्हन का भी मिला समर्थन
NBT ने इस पर एक स्टोरी की है। शादी में दूल्हा बने सिवलजीत सिंह ने बताया कि वह किसान परिवार से हैं। इस समय कृषि कानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में धरना दे रहे हैं। लेकिन किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में उन्होंने अपने परिवार के साथ कृषि आंदोलन को समर्थन देने के लिए ट्रैक्टर पर बारात ले जाना तय किया। दुल्हन पक्ष ने भी इसमें उनका साथ दिया।