Saturday , 2 August 2025
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उत्तराखंड पंचायत चुनाव : भाजपा बोली– ‘भगवामय हुआ प्रदेश’, कांग्रेस ने गिनाई ‘बड़े चेहरों’ की हार

  • त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव परिणामों पर सियासत तेज.
  • कांग्रेस ने भाजपा पर किया तीखा हमला.

देहरादून | ब्यूरो रिपोर्ट

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे सामने आने के साथ ही उत्तराखंड की सियासत में बयानबाज़ी तेज हो गई है। जहां भाजपा ने प्रदेश को ‘भगवामय’ घोषित कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नीतियों को जनसमर्थन मिलने का दावा किया, वहीं कांग्रेस ने इस दावे को झूठा करार देते हुए भाजपा के बड़े चेहरों की हार का हवाला दिया है। कांग्रेस का दावा है कि जनता ने भाजपा को साफ संकेत दे दिया है कि अब जमीनी मुद्दों पर सवाल पूछे जाएंगे, और पारिवारिक चेहरों की गारंटी पर चुनाव नहीं जीते जा सकते।

कई दिग्गजों को करारी हार

कांग्रेस ने कहा है कि जिन चेहरों को भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रभावशाली प्रतिनिधियों के तौर पर प्रचारित किया था, वे अपने-अपने क्षेत्रों से हार गए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भाजपा के उत्सव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आतिशबाज़ी इसलिए हो रही है क्योंकि खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का गृह जिला चमोली पार्टी हार गई।

भाजपा के कई बड़े नाम और उनके परिजन चुनाव नहीं जीत पाए:

  • उत्तरकाशी: पूर्व विधायक मालचंद की बेटी और पूर्व जिलाध्यक्ष सत्येंद्र राणा हारे।

  • टिहरी: पूर्व प्रमुख नीलम बिष्ट, कंचन गुनसोला की बहू और विधायक शक्तिलाल शाह के दामाद चुनाव हार गए।

  • पौड़ी: विधायक दिलीप रावत की पत्नी को हार का सामना करना पड़ा।

  • नैनीताल: विधायक सरिता आर्य का बेटा जिला पंचायत चुनाव हार गया।

  • चंपावत: पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की बेटी, पूर्व प्रमुख लक्ष्मण सिंह का बेटा, भतीजा और दो बहुएं भी चुनाव नहीं जीत सके।

  • चमोली: पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी और भाजपा के जिलाध्यक्ष भी चुनाव हार गए।

भाजपा की रणनीति

विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह लड़ने की भूल कर बैठी। इस स्तर के चुनावों में प्रत्याशी के व्यक्तिगत संबंध, गांवों में किया गया काम और सामाजिक समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं, न कि केवल पार्टी का झंडा। कई क्षेत्रों में भाजपा के कार्यकर्ता ही आपस में भिड़ते नजर आए। यही स्थिति कांग्रेस में भी दिखी, लेकिन परिणामों ने भाजपा की रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कांग्रेस ने बताया उत्साहजनक परिणाम

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इन चुनावों ने 2027 के राजनीतिक परिदृश्य की झलक दे दी है। उनका दावा है कि जनता अब भाजपा के दिखावे और प्रचार से प्रभावित नहीं है, और आने वाले विधानसभा चुनावों में बदलाव की लहर दिखाई दे सकती है।

वैसा समर्थ नहीं मिला

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में परिणाम चाहे जैसे भी रहे हों, लेकिन इतना साफ है कि भाजपा को जनता का वैसा समर्थ नहीं मिला है, जैसा भाजपा को उम्मीद थी। कांग्रेस को भले ही बड़ी जीत न मिली हो, लेकिन भाजपा के दिग्गज चेहरों की हार ने यह जरूर बता दिया है कि क्या जनता अब बदलाव की ओर देख रही है?

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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