देहरादून: 2022 से पहले ही उत्तराखंड में सियासी मैदान में हर कोई तूफानी अंदाज में खेलना चाहता है। मैदान सजने और जंग में उतरने से पहले हर राजनीतिक दल अपने-अपने खेमों को मजबूत करना चाहते हैं। ऐसी मजबूती कि विपक्ष मैदान में उतरने से पहले ही होश खो बैठे। आधी जंग, जंग शुरू होने से पहले ही जीत ली जाए।
इन्हीं तैयारियों को पुख्ता करने के लिए भाजपा में इन दिनों नाश्ते की टेबल पर सियासत की चर्चा हो रही है। कुल मिलाकर ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स चरम पर है। इस पॉलिटिक्स पर हदा भी की भी फोनों पॉलिटिक्स का तड़का लगा रहे हैं।
जब से हरीश रावत की फोन कॉल वाली बात सामने आई है और हरक की हरदा से माफी वाली बात मीडिया तक पहुंची। भाजपा तब से ही बेचैन है। भाजपा को हरक के जाने का डर सता रहा है। इन दिनों केवल और केवल हरक की ही चर्चा हो रही है। हरदा-हरक की नजदीकियां भाजपा की धड़कनें बढ़ा रहा है।
हरक की कांग्रेस में वापसी की चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि भाजपा इनसे इंकार करती रही है, लेकिन भाजपा भीतर से इस बात को मानती है कि हरक के जाने से उनको फर्क पड़ना तय है। यही कारण है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उनको फोन कर नाश्ते की टेबल पर बात करने के लिए कहा है।
इधर, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को भाजपा हाईकमान ने अचानक देहरादून भेज दिया है। हरक ने भी ये बात मानी है कि उनकी विजय बहुगुणा से बात होने वाली है। क्या बात होगी, यह तो बात होने के बाद ही साफ हो पाएगा। बहरहाल, हरीश रावत के सांप-नेवले के मिलने वाली बात ने भाजपा को बुरी तरह से बेचैन कर दिया है और हरदा के इस तीर से कांग्रेस फिलहाल चैन से हैं।
–प्रदीप रावत (रवांल्टा)