Tuesday , 17 June 2025
Breaking News

उत्तराखंड के इन 24 गांवों में नहीं डाले जाएंगे वोट, सोचने पर मजबूर कर देगी वजह…

पलायन का साइड इफेक्ट:

इन दिनों देशभर में लोकसभा चुनाव का खूब शोर सुनाई दे रहा है। उत्तराखंड मे इसका कुछ ज्यादा असर नजर आ रहा है। उसका कारण यह है कि राज्य में पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को ही वोट डाले जाने हैं, जिसमें बहुत कम वक्त बचा हुआ है। चुनाव के बीच नेताओं के पलायन की बात भी चल पड़ी है। इस बीच आपको एक ऐसी तस्वीर दिखाने का प्रयास करेंगे, जिसे आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।

पलायान आयोग की रिपोर्ट के आधार पर हिन्दुस्तान ने एक रिपोर्ट छापी है। उस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 24 ऐसे गांव हैं, जिनमें आजादी के बाद पहला ऐसा मौका आया है कि इन गांव में वोट नहीं डाले जाएंगे। इसके पीछे पलयान सबसे बड़ा कारण है। इन गांव में अब कोई नहीं रहता। इन गांवों को निर्जन घोषित किया जा चुका है। सोचिए और चिंतन कीजिए कि हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं।

पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार निर्जन घोषित हो चुके ये गांव अल्मोड़ा, टिहरी, चम्पावत, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़ और चमोली जिले के हैं। पलायन आयोग की फरवरी 2023 में जारी हुई दूसरी रिपोर्ट में बताया गया था कि 2018 से 2022 तक उत्तराखंड की 6436 ग्राम पंचायतों में अस्थायी पलायन हुआ।

तीन लाख से अधिक लोग रोजगार के लिए अपने गांव छोड़कर बाहर चले गए। हालांकि, इन लोगों का बीच-बीच गांव आना जारी है। वहीं, इस अवधि में राज्य की 2067 ग्राम पंचायतों में स्थायी पलायन भी हुआ। लोग रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य की तलाश में अपने गांव से गए और कभी वापस नहीं लौटे।

कई लोग अपनी पुस्तैनी जमीनें बेच गए तो कई लोग भूमि बंजर छोड़कर चले गए। सर्वाधिक 80 ग्राम पंचायतें अल्मोड़ा जिले में स्थायी पलायन से वीरान हो गईं। आयोग की इस रिपोर्ट में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि 2018 से 2022 तक प्रदेश के 24 गांव/तोक पूर्ण रूप ये आबादी रहित हो गए।

आयोग के अनुसार प्रदेश में 2018 से 22 तक जिन 2067 ग्राम पंचायतों में स्थायी पलायन हुआ, उनमें रहने 28531 लोग जिला मुख्यालयों या फिर दूसरे जिलों में चले गए। पलायन करने वालों में से सर्वाधिक 35.47 प्रतिशत लोग नजदीकी कस्बों में गए। जबकि 23.61 लोग दूसरे जिलों व 21.08 प्रतिशत लोग राज्य से बाहर चले गए। इसके अलावा 17.86 लोग जिला मुख्यालयों में जाकर रहने लगे।

जिला

खाली हो चुके गांव

टिहरी गढ़वाल

09

चम्पावत

05

पौड़ी गढ़वाल

03

पिथौरागढ़

03

अल्मोड़ा

02

चमोली

02

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

उत्तराखंड: BJP किसका काटेगी टिकट, कौन होंगे नए चेहरे? इनके नामों की चर्चा!

देहरादून: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। तैयारियों …

error: Content is protected !!