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उत्तराखंड: आखिर क्यों गायब हो रही महिलाएं और लड़कियां, आंकड़े आपके होश उड़ा देंगे!

देहरादून: आप हर रोज किसी ना किसी माध्यम से महिलाओं और लड़कियों के लापता होने की खबरें देखते, सुनते और पढ़ते ही होंगे। सवाल यह है कि आखिर से महिलाएं और लड़कियों क्यों गायब हो रही रही हैं? कोई इनको गायब कर रहा है या फिर ये खुद ही गायब हो रही हैं? आखिर क्यों हर साल हजारों महिलाएं और लड़कियां गायब हो जाती हैं?

महिलाओं को लड़कियों के गायब होने के पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं। कई मामले लव अफेयर के होते हैं, तो कुछ मामले कथित लव जिहाद के भी सामने आते रहे हैं। कुछ मामलों में महिलाओं और लड़कियों के अपहरण के भी सामने आते रहते हैं। जो भी कारण हो, लेकिन स्थिति बहुत खराब है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि पुलिस भी इस पर नजर बनाए हुए है और गायब महिलाओं और लड़कियों को बरामद करने का काम कर रही है।

आप आपको उत्तराखंड महिलाओं को लड़कियों के गायब होने के आंकड़े बताते हैं। वो आंकड़े, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। ऐसे आंकड़े, जो आपका होश उड़ा देंगे। महिलाओं और लड़कियों के गायब होने के आंकड़ दंग करने वाले हैं। सूचना के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार बीते दो-तीन सालों में 3,854 महिलाएं और 1,134 लड़कियां लापता हुई हैं। हालांकि, अच्छी बात यह रही कि पुलिस ने 2,961 गुमशुदा महिलाएं और 1,042 लड़कियों को भी खोज निकाला है। अभी भी 893 महिलाओं और 92 लड़कियां लापता हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड में महिलाओं और लड़कियों के लापता होने की जानकारी मांगी थी। सूचना के अधिकार में मिली जानकारी हैरान करने वाली है। आरटीआई में मिले जवाब में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसके तहत उत्तराखंड में जनवरी 2021 से लेकर मई 2023 तक पिछले लगभग तीन सालों में 3,854 महिलाएं और 1,134 लड़कियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गईं। रेलवे क्षेत्र (जीआरपी) के अंतर्गत 4 महिलाएं एम लड़की लापता हुईं।

पुलिस-जीआरपी में दर्ज गुमशुदगी

साल महिलाएं लड़कियां
2021 1,494 404
2022 1,632 425
2023 728 305 (आंकड़े मई 2023 तक)

किस जिले कितनी महिलाएं और लड़कियां हुई गायब

जिला महिलाएं लड़कियां
नैनीताल 386 154
उधमसिंह 941 328
पिथौरागढ़ 39 54
अल्मोड़ा 92 32
टिहरी 143 53
बागेश्वर 72 18
पौड़ी 120 19
उत्तरकाशी 70 10
देहरादून 963 119
हरिद्वार 822 279
चमोली 71 22
चंपावत 96 22
रुद्रप्रयाग 39 10 (सभी आंकड़े मई 2023 तक.)

स्रोत-RTI

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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