हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के उत्तराधिकारी के रूप में महंत बलबीर गिरी बाघंबरी मठ की गद्दी संभालेंगे। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी ने इसकी औपचारिक घोषणा कर दी है।
महंत रविंद्रपुरी ने हरिद्वार में इसकी औपचारिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि बाघंबरी मठ में संचालन के लिए बोर्ड बनाया जा रहा है। बोर्ड अखाड़े के हित और मर्यादा में कार्य करवाने के लिए बनाया जा रहा है। जिसमें पांच संत शामिल होंगे। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी की षोडशी भंडारे से पहले बोर्ड का गठन होगा। बताया कि गुरुवार को निरंजनी अखाड़े में अखाड़े के पंचों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
20 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी की प्रयागराज बाघंबरी पीठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनका शव कमरे में पंखे पर लटका मिला। सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी बनाए जाने का जिक्र किया गया था। उसके बाद उनका कथित सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई पन्नों के कथित सुसाइड नोट में शिष्य संत बलबीर गिरी को उत्तराधिकारी बनाए जाने की बात कही गई थी।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी से लेकर श्री निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी और सचिव महंत रविंद्रपुरी समेत सभी संतों ने कथित सुसाइड नोट को नकार दिया। इसे साजिश बताते हुए नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत को हत्या बताते हुए सवाल उठा दिए। मामले की अब सीबीआई जांच कर रही है।
वहीं, महंत नरेंद्र गिरी की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई की टीम आरोपी आनंद गिरी को रिमांड पर लेकर हरिद्वार पहुंची थी। टीम ने आनंद गिरि से सात घंटे पूछताछ की और श्यामपुर कांगड़ी स्थित सील आश्रम खुलवाकर वहां से सुबूत जुटाए। टीम ने आश्रम के कंप्यूटर से डाटा लिया और लैपटॉप भी बरामद किया है।