मां-बाप अपने बच्चों की शादी बड़े अरमानों के साथ करते हैं। वो बच्चों की खुशी के साथ ही अपनी खुशी भी खोजते हैं। माता-पिता की खुशी केवल इतनी होती है कि उनके बच्चे तरक्की करें। उनको काम सही से चले, जो भी वो कर रहे हों। परिवार में खुशियां हों। बच्चों की इस खुशी में उनकी खुशी होती है। इस खुशी में हर मां-बाप चाहता है कि वो दादा-दादी बनें। लेकिन, बदलते दौर फैमिली प्लानिंग का है। बच्चे भी प्लान के साथ पैदा किए जाते हैं। उस प्लानिंग में अक्सर भूल जाते हैं कि उनकी प्लानिंग उनकी मां या पिता को बुरी लग रही है। हालांकि, फैमिली प्लानिंग सभी अपने सहूलियत के हिसाब से करते हैं।
हरिद्वार जिले के रोशनाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको चौंका दिया। महिला ने बेटे व बहू पर शादी के छह वर्ष बीतने पर भी संतान पैदा न करने और पौत्र या पौत्री के सुख से वंचित करने का आरोप लगाते हुए पांच करोड़ रुपये मांगे हैं। बेटे और बहू के खिलाफ घरेलू हिंसा का वाद न्यायालय में दायर किया है। तृतीय एसीजे एसडी कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 17 होगी।
अधिवक्ता अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सिडकुल स्थित हरिद्वार ग्रीन निवासी महिला साधना प्रसाद पत्नी संजीव रंजन प्रसाद ने पुत्र श्रेय सागर, पुत्रवधू शुभांगी सिन्हा और चार अन्य पर वाद दायर किया है। महिला ने कहा कि श्रेय सागर उसका एकमात्र बेटा है। बेटे की परवरिश में कोई कमी न हो अन्य संतान भी पैदा नहीं की। उसे पायलट बनाया। वर्तमान में श्रेय सागर प्रतिष्ठित एयर लाइन कंपनी में बतौर पायलट कैप्टन है। महिला ने बताया कि बेटे श्रेय सागर को पायलट बनाने के लिए यूएसए से प्रशिक्षण में पैंतीस लाख रुपये की फीस, रहन-सहन का खर्च बीस लाख व पुत्र व पुत्रवधू की खुशी के लिए 65 लाख की ऑडी कार लोन लेकर खरीद करीदी।
दिसंबर 2016 में उन्होंने अपने बेटे श्रेय सागर की शादी शुभांगी सिन्हा पुत्री प्रिमांशु कुमार सिन्हा निवासी सेक्टर 75 नोएडा यूपी के साथ कराई। नवविवाहित दंपति को थाईलैंड भेजा। महिला ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपने बेटे व बहू से एक पौत्र या पौत्री के लिए आग्रह किया तो पुत्रवधू रोजाना झगड़ा करने लगी। महिला ने दोनों पर पौत्र व पौत्री के सुख से वंचित कर मानसिक पीड़ा व उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।