Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड: अस्पताल के लेबर रूम पर ताला, धूप सेंकता स्टाफ, सड़क पर डिलीवरी

हरिद्वार: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के तमाम दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को सरकार के दावों और निर्देशों का भी कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। ऐसा ही एक मामला हरिद्वार में सामने आया है। यहां अस्पताल के लेबर रूम में ताला लटका रहा और गर्भवती महिला बाहर तड़पती रही।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादराबाद गर्भवती महिला लेबर रूम के बाहर दर्द से कराहती रही। लेबर रूम में तीन महीने से ताला लटका है। अस्पताल का स्टाफ धूप सेंक रहा है। गर्भवती महिला को ना तो अस्पताल में इलाज दिया गया और ना ही हायर सेंटर रेफर किया गया। गर्भवती ने स्वास्थ्य केंद्र के पास ही सड़क किनारे नवजात बच्ची को जन्म दिया।

प्रसव के बाद आसपास के दुकानदारों ने जच्चा-बच्चा को जिला अस्पताल भेजा। यह मामले सामवार का है। रोशनाबाद की गर्भवती अपने तीमारदारों के साथ सामुदायिक केंद्र बहादराबाद में डिलीवरी करवाने आई थी। अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि लेबर रूम बंद पड़ा है। कर्मियों की बात सुनकर तीमारदारों ने जिला अस्पताल हरिद्वार हायर सेंटर भेजने की गुहार लगाई।

स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि एंबुलेंस कर खुद ही जिला अस्पताल चले जाएं। तीमारदारों के पास इतने पैसे नहीं थे कि प्राइवेट एंबुलेंस कर गर्भवती को हरिद्वार रेफर कर सकें। अस्पताल पहुंचे एक मरीज के तीमारदार ने तीमारदारों को 108 एंबुलेंस के लिए फोन करने की सलाह दी। टोल फ्री नंबर पर फोन कर 108 एंबुलेंस मंगवाई। एंबुलेंस कर्मचारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहादराबाद में आने का आश्वासन दे दिया।

गर्भवती और उनके तीमारदार अस्पताल के पास ही सड़क पर एंबुलेंस का इंतजार करने लगे। गर्भवती प्रसव की पीड़ा नहीं सहन कर सकी और सड़क पर ही उसने नवजात को जन्म दे दिया। आसपास के दुकानदारों ने तीमारदारों की मदद गर्भवती का प्रसव करवाया। नवजात के पैदा होने के काफी समय बाद एंबुलेंस 108 पहुंची।

किसी तरह लोगों की मदद से महिला और नवजात को सुरक्षित महिला अस्पताल पहुंचाया। सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुबोध जोशी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस अधिकारी को व्यवस्थाओं में सुधार करने का जिम्मा दिया गया है। उस अधिकारी को कुछ पता ही नहीं है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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