Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड: ये बच्चा तो खतरनाक निकला, खुद ही रच डाली अपने अपहरण की कहानी…

हरिद्वार: आजकल कई तरह के क्राइम आधारित सीरीयल और मूवी बन रही हैं। इनको बड़ों के साथ छोटे और कम उम्र के बच्चे भी देख रहे हैं। इनका उन पर बुरा असर भी पड़ रहा है। कई घटनाएं टीवी सीरीयल, मूवी और वेब सीरीज को देखकर अंजाम दी जा चुकी हैं। हरिद्वार में भी एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 11 साल के बच्चे खुद ही अपने अपहरण की कहानी रच डाली।

हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में बैक्वेट हॉल संचालक के 11 साल बेटे ने अपने ही अपहरण की कहानी रच डाली। अपहरण की कहानी में बार-बार बयान बदलने पर आखिरकार उसने सच उगल दिया। उसने बताया कि ट्यूशन जाने से बचने के लिए उसने ऐसा किया। बच्चे की कहानी ने कुछ घंटे पुलिस को जरूर छकाया। पुलिस ने उसके बताए लोगों की तलाश के लिए कई सीसीटीवी फुटेज खंगाल लिए। लोगों से भी जानकारी जुटाई, लेकिन पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा।

इसके बाद पुलिस बच्चे से पूछताछ का प्लान बनाया और उससे अलग-अलग सवालों में उलझाया। रात तक पुलिस ने कहानी से पर्दा उठा दिया। कहानी कुछ ऐसी थी कि बच्चा ट्यूशन नहीं जाना चाहता था और इसी से बचने के लिए उसने अपहरण की कहानी बना ली। पूछताछ में बताया कि वह परिजनों की डांट से नाराज और परेशान था। इसलिए ट्यूशन न जाने के लिए उसने यह सब कहानी बनाई। फिल्मों में देख कर उसके मन में यह विचार आया था।

पुलिस के मुताबिक पीठ बाजार निवासी अनुराग झा के शहर में अलग-अलग जगहों पर तीन बैक्वेट हैं। उनका 11 वर्षीय बेटा देव कक्षा पांचवीं में पढ़ता है। देव पीठ बाजार में संगीता टॉकीज के समीप रोजाना साइकिल से ट्यूशन पढ़ने जाता है। शुक्रवार शाम भी वह घर से साइकिल पर ट्यूशन के लिए निकला। लेकिन वह ट्यूशन नहीं पहुंचा। कुछ देर बाद उसने घर पहुंचकर बताया कि उसे चार लोगों ने उसका रास्ता रोक लिया।

चारों युवक दो अलग-अलग दुपहिया वाहनों पर थे। दो युवकों ने उसे जबरदस्ती अपनी बाइक पर बैठा लिया। जबकि दूसरे बाइक का एक युवक उसकी साइकिल लेकर चला गया। चौथा युवक दूसरी बाइक से उनके पीछे आने लगा। देव ने पुलिस को बताया कि लोधमंडी में उसे युवक लेकर पहुंचे। जहां एक साधु रास्ते में खड़ा था। जिसे देखकर युवकों ने बाइक रोक दी। युवक उससे बात करने लगे और साधु के चरण स्पर्श करने लगे।

इसी बीच वह उनके चंगुल से निकल गया और किसी तरह बचकर घर पहुंचा। देव ने मां को इसकी जानकारी दी और पुलिस घटना के बारे में बताया। सूचना मिलते ही एसएसपी अजय सिंह ने तत्काल मामले की जांच करने के निर्देश दिए। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी, एसएसआई अंशुल अग्रवाल, रेल चौकी प्रभारी सुधांशु कौशिक सहित तमाम पुलिसकर्मी उसके घर पहुंचे। बच्चे से पूछताछ की। उसके साथ ट्यूशन जाने वाले रास्ते का मुआयना किया। पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर दो दर्जन से ज्यादा लगे सीसीटीवी को चेक किया लेकिन कहीं भी देव या उसके बताए युवक नजर नहीं आए।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि बच्चा बार बार बयान बदलते रहा। जबकि देव घर साइकिल से पहुंचा था। अपनी बनाई फिल्मी कहानी में उसने बताया था कि उसकी साइकिल एक युवक लेकर चला गया। वह युवकों के चंगुल से कहां से भागकर आया, उस जगह को भी नहीं बता सका। शक होने पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। बताया कि ट्यूशन नहीं जाना चाहता है। मां की डांट और ट्यूशन जाने से बचने के लिए उसने झूठ बोला।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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