Tuesday , 16 September 2025
Breaking News

भारत से की पढ़ाई, पति ने हाइजैक किया था प्लेन…नेपाल की पहली महिला PM सुशीला कार्की की कहानी

नेपाल में राजनीतिक उठापटक के बाद, पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को देश का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है। भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ उनके सख्त रुख ने उन्हें जेन-जी (युवा पीढ़ी) के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया है। 73 साल की सुशीला कार्की, जिन्होंने अपनी शिक्षा भारत में पूरी की, अब नेपाल की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरी हैं।

न्याय के पथ से प्रधानमंत्री पद तक का सफर सुशीला कार्की का जन्म 1952 में नेपाल के विराटनगर में हुआ था। एक किसान परिवार में जन्मीं और सात भाई-बहनों में सबसे बड़ी, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नेपाल में पूरी की। इसके बाद, उन्होंने भारत का रुख किया, जहाँ 1975 में उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1978 में कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने विराटनगर में वकालत शुरू की।

अपने कानूनी करियर में उन्होंने कई उपलब्धियाँ हासिल कीं। साल 2007 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया, और 2009 में वह नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं। 2016 में, उन्होंने फिर से सुप्रीम कोर्ट की 24वीं मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला। उनके कार्यकाल में उन्होंने कई साहसिक और निष्पक्ष फैसले लिए, जिससे उन्हें जनता के बीच सम्मान मिला।

एक क्रांतिकारी से शादी सुशीला कार्की की निजी जिंदगी भी किसी कहानी से कम नहीं है। बीएचयू में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात नेपाल कांग्रेस के नेता दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई और दोनों ने शादी कर ली। सुबेदी 1970 के दशक के युवा क्रांतिकारियों में शामिल थे। उस समय राजा बीरेंद्र शाह के शासनकाल में, सशस्त्र विद्रोह के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से सुबेदी ने रॉयल नेपाल एयरलाइंस के एक विमान को हाइजैक कर लिया था। 2018 में, सुबेदी ने इस घटना पर ‘विमान विद्रोह’ नामक एक किताब भी लिखी, जिससे उनके क्रांतिकारी अतीत का खुलासा हुआ।

एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर, भारत में शिक्षा प्राप्त कर और एक क्रांतिकारी पति के साथ जीवन बिताते हुए, सुशीला कार्की ने न केवल न्यायपालिका में बल्कि अब राजनीति में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। जेन-जी आंदोलन के समर्थन के साथ, वह नेपाल के भविष्य को एक नई दिशा देने के लिए तैयार हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

Uttarakhand : साइबर ठगों ने रिटायर्ड शिक्षक को बनाया शिकार, 59 लाख की ठगी

देहरादून। राजधानी में साइबर ठगों ने एक 80 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक को जाल में फंसा …

error: Content is protected !!