देवभूमि उत्तराखंड…। देवभूमि में वैसे तो पहले से ही देश और दुनिया के विभिन्न प्रजातियों के भक्त दर्शन के लिए आते रहे हैं…। सभी शांति से दर्शन कर लौट भी जाते हैं…। पर इस मर्तबा एक ऐसा भक्त आने जा रहा है…जो राजधानी दिल्ली से पहले ही एलान कर चुका है कि देवभूमि के 62 प्रतिशत भक्त उनकी भक्ति में रम चुके हैं…। उन्हीं भक्तों के कहने पर वो युद्ध लड़ने, राजनीति का महासंग्राम लड़ने देवभूमि आ रहे हैं…। ऐलान हो चुका है…। रणभूमि में कूदने से पहले ही वाणी के बाण चलने शुरू हो चुके हैं…। इससे अंदाजा तो लगा ही सकते हैं कि राजनीति का ये संग्राम तगड़ा होगा…। कमसे कम जुबानें तो ऐसे लड़ेंगी किसी से छुड़ाए नहीं छूटेंगी…। हमारी चिंता भी यही है कि इय युद्ध में देवभूमि के देवों के गण कहीं…आसुरी शक्तियों के प्रभाव में ना आ जाएं…।
अब असल मसले की तरफ बढ़ते हैं…। सच कहूं तो भटकने में ज्यादा मजा आता है…। अब दिल्ली वाले भाई साहब को ही ले लो…। मेरे बड़े भाई का नाम भी वही है…इसलिए नहीं लिखा…। वो बड़े भाई का नाम नहीं लेते हैं ना बस इसलिए…। खैर…। हनुमान भक्त केजरी बाबू देवभूमि आने की तैयारी में हैं…। सेना को सज्ज रहने के आदेश दे चुके हैं…। डेढ़ साल बचे हैं…। तब तक तो सेना कुछ ना कुछ करने लायक हो ही जाएगी…। बाकी राम मालिक…।
अरे राम जी से बात याद आई…। जिसके लिए इतना लंबा-चौड़ा जाल बिछाया है…। चुनाव चाहे प्रधानी का ही क्यों ना होता…। इस बार राम जी ही बेड़ा पार लगाते…। ये बात अलग है कि प्रधानी के पहले निपट गए थे…। लेकिन…असमंजस इस बात की है कि एक तो पहले से ही राम भक्त हैं…। और केजरी बाबू दिल्ली के चुनाव में हनुमान भक्त हुए थे…। खतरा इस बात का है कि राम जी के भक्त हुनमान और उनके भक्त केजरी…। अब जो भक्त हैं…बेचारे इस कन्फ्यूजन में हैं कि राम जी की तरफ जाएं या हनुमान जी की ओर कदम बढ़ाएं…। खतरा इसलिए ज्यादा है कि राम जी अपने भक्त से बेहद प्रेम करते थे…। जाने से पहले अयोध्या की गद्दी उन्हीं को सौंप गए थे…।
कहीं ये तो नहीं समझ रहे कि यहां भी राम जी की गद्दी खाली हो जाएगी और….हनुमान जी कब्जा लेंगे…। वो भी राम जानें…पर जो एक और बात है…। राम भक्तों की नजर में आसुरी शक्तियों वाले दूसरे दल के योद्धा भी इस बार ज्यादा जोर लगा सकते हैं…। वैसे वो भी अयोध्या वाला साष्टांग प्रणाम देखकर राम जी की ओर लुड़कते नजर आ रहे हैं…। ट्वीट-वीट तो आप लोगों ने देखे ही होंगे…। अगर ये वाले भी राम जी ‘लगाएंगे बेड़ापार’ वाली मुद्रा में आ गए और राम जी का थोड़ा झुकाव इधर भी हो गया तो…फिर राम भक्तों पर हुनमान भक्त भारी पड़ सकते हैं…। होता क्या है ? मुझे भी नहीं पता…। बस राम ही मालिक हैं…।
- प्रदीप रावत (रवांल्टा)