…उत्तराखंडी भाई-बंधु नमस्कार। आप जहां भी हैं। सुरक्षित रहें। सरकार ने कहा है जो जहां है, वहीं रहे। लेकिन, भाई लोग गांव की ओर लौट रहे हैं। पहले तो आपको ऐसा करना नहीं चाहिए था। अगर, आप आ ही गए हैं, तो कम से कम इतना ख्याल रखें कि आप किसी की जान खतरे में तो नहीं डाल रहे हैं…। आप जहां से आए हैं, जिस माध्यम से आए हैं। आपको भी पता नहीं होगा कि किसी ने उस जगह को आपसे पहले टच किया है और फिर आपने…? क्या पता वो पहले वाला कोरोना से संक्रमित रहा होगा ? इन्हीं शंकाओं को ध्यान में रखकर अपनी जांच कराएं। अपनों से उनकी सुरक्षा के लिए दूर रहें…। हमें आपसे बेहद प्यार है…। आप की सुरक्षा और गांव में रहने वालों की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है…और बड़ी बात ये कि अब सबकी सुरक्षा आपके हाथों में है…। आपको तय कराना है कि आप खुदको, अपने परिवार को और अपने गांव को कैसे सेफ रखते हैं…।
इनकी संख्या 1500 के करीब है…
कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया है। उत्तराखंड में भी तीन पाॅजिटिव केस सामने आए हैं। उत्तराखंडी लोग देश-दुनिया के कोने-कोने में रहते हैं। ऐसे लोग अब अपने घरों को लौटने लगे हैं। यही लोग अब सरकार और प्रशासन के लिए चिंता का सबब बन गए हैं। लौटने वालों को जमावड़ा ऋषिकेश में लगा हुआ है। इनकी संख्या 1500 के करीब है…। ये सब दिल्ली, मुंबई और दूसरे शहरों से वापस लौटे हैं…। इनको अपने घर जाना है…लेकिन पहले जांच करानी होगी।
शहर जब भी मुश्किल में होता है…
शहर जब भी मुश्किल में होता है…गांव ही सुरक्षित नजर आता है। इस बार परिस्थिति अलग है…खतरनाक है। ऐसी परिस्थिति में खुद को तो बचाना ही है…अपने परिवार और अपने गांव को भी बचाना है। गांवों में प्रवासियों और नौकरी-पेशा लोगों का आना जारी है। लाॅक डाउन होने के एलान के साथ लोग पूरी-पूरी रात चलकर अपने गांव की ओर भागे चले आए…। कुछ पहुंच गए। कुछ को रोक दिया गया। कुछ को लौटा दिया गया। कुछ की जांच चल रही है।
समझिए और संभलिए…
समझिए और संभलिए…। मोदी जी दो मंत्र दिए थे। आपके लिए और हमारे लिए फिलहाल अब दो और मंत्रों की जरूरत है। संभलना और समझना…। मामले लगातार बढ़ रहे हैं…। मतलब जरूरत और सतर्क रहने की है…। इस वक्त नहीं जोगे…तो सोना पड़ सकता है। आप खुद ही नहीं सोएंगे। आपने आसपास मौजूद हर किसी को सोने पर मजबूर कर देंगे। सोन का मतलब तो समझ की गए होंगे…। जी हां जरा सी लापरवाही…मतलब हमेशा के लिए लाॅकडाउन।