धन्य रेल मंत्री पीयूष गोयल जी…। आपने ब्रांड बाबा के अकेले की ब्रांडिंग की हवा निकाल दी…। लोग धक्के खा रहे हैं और ब्रांड बाबा पोस्टर पकड़वाकर ब्रांडिंग कर रहे हैं। ट्वीट की तो माया ही अपार है…। मेरा आपको बहुत धन्यवाद। मेरे धन्यवाद का एहसान मत मानिएगा…। मैं तो फक्कड़ हूं। मुझे इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता। ये तो सभी ने सुना हो कि फलां ने फलां की रेल बना दी…। अब रेल मंत्री कोई ट्वीट करेंगे तो रेल तो बनेगी ही…सो बन गई ब्रांड बाबा की रेल…।
मामला थोड़ा बासी है…पर ऐसा है कि जब मर्जी ताजा कर लो…। घर वापसी पूरे देश में चल रही है…। जनता ने चुना ही इसलिए है कि उनकी सरकार उनकी मदद करे…। इस भूलोक पर देवभूमि नामक लोक में एक बाबा ऐसे भी हैं, जिनको हर बात देर से समझ आती है। ब्रांड बाबा…इस लोक की एक वातनुकूलित गुफा में कई दिनों से तपस्यारत हैं…। उनको इस बात की चिंता है कि कहीं उन पर कोरोना का भूत ना लग जाए…। एक बेचारे गोरखपुर वाले बाबा हैं…। दिन-रात एक किया हुआ है।
रेल मंत्री के ट्वीट के बाद जबरदस्त रेल बनी हुई है…। रेल के चक्कों को चलाने की चिट्ठी दिल्ली से निकली…और खट से सोशल मीडिया में आकर फंस गई…। फंसी क्या नेताजी के चहेतों ने उसे यहां-वहां दौड़ा दिया। फिर क्या था…वो अति वातनुकूलित गुफा तक भी इसी मार्ग से जा पहुंची…। फिर क्या था…ब्रांड बाबा ने भी इलेक्ट्रानिक मार्ग से चिट्ट भेज दी…।
उधर ट्रेनें चलीं…। पहली ट्रेन पहुंची भी नहीं थी कि ब्रांड बाबा की ब्रांडिंग शुरू हो गई…। ले ट्वीट…पे…ट्वीट। धन्य हैं ब्रांड बाबा…। मेरी तो चिंता ये भी है कि आखिर पिछले तीन महीने की तपस्या में वातानुकूलित गुफा में क्या-क्या वरदान प्राप्त किय होंगे…। क्या उन्होंने कोरोना को मारने का हथियार हासिल कर लिया होगा…। पता नहीं…। पर रेल मंत्री जी ने ब्रांड बाबा की पोल खोल दी। पीयूष गोयल जी ने नेता जी और दूसरी आशंकाओं को ‘निशंक’ कर दिया…। धन्य हैं आप…।
….Pradeep Rawat (रवांल्टा)