Sunday , 1 June 2025
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बाबा बौखनाग की यात्रा के बहाने

बाबा बौखनाग की यात्रा के बहाने : रवांल्टों की एकजुटता के कायल हुए लोग, हरिद्वार में पेश कर रहे एकता की मिसाल…VIDEO

  • मेरी बात…

बाबा बौखनाग की अयोध्या यात्रा संपन्न हो चुकी है। इस यात्रा ने एक बार फिर साबित किया है कि रवांई घाटी के लोग अपने देवी-देवताओं के प्रति कितने आस्थावान हैं। देवता की इच्छा भक्तों के लिए आदेश होती है। हाल ही में सम्पन्न हुई बाबा बौखनाग की यात्रा की बात करते हैं। बाबा बौखनाग की यात्रा में मुझे भी शामिल होने का मौका मिला। मैं आयोध्या तो नहीं गया, लेकिन देहरादून और हरिद्वार में बाबा का आशीर्वाद मुझे मिला।

बाबा बौखनाग ने आयोध्या में दिखाई शक्ति

अयोध्या की यात्रा देव डोलियों में अब तक की सबसे ऐतिहासिक यात्रा साबित हुई है। बाबा बौखनाग ने आयोध्या में अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया। उन लोगों को अपनी शक्तियों से परिचित करवाया, जो बाबा की डोली को साधारण डोली समझ रहे थे। बहरहाल…अब हरिद्वार की बात करते हैं। धर्मनगरी हरिद्वार का महत्व किसी को बताने की जरूरत नहीं है।

हरिद्वार में रहने वाले रवांल्टों की एकता

यहां बताने के लिए जो जरूरी है, वह है- हरिद्वार में रहने वाले रवांल्टों की एकता। यहां लोगों ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि हम एकजुट होकर क्या कर सकते हैं। हमारी रवांई घाटी की यह खासियत भी रही है कि हम एकजुट रहे हैं। यह एकजुटता कहीं-ना-कहीं हमारे देवताओं का आशीर्वाद ही है। जहां देवकार्य होता है, वहां रवांल्टे यह भूल जाते हैं कि कौन क्या है? बस जुट जाते हैं और तब तक चुप नहीं बैठते जब तक देवकार्य संपन्न नहीं हो जाता। हरिद्वार में भी कुछ ऐसा ही हुआ।

अपने आप में एक मिसाल है

बाबा बौखनाग की यात्रा का हरिद्वार पहुंचने का कार्यक्रम पहले से ही तय था। हरिद्वार में विभिन्न विभागों और अन्य संस्थानों में काम करने वाले रवांई लोगों ने तय किया कि बाबा की यात्रा में आने वाले यात्रियों का स्वागत करेंगे। रवांल्टे इतने पर मानने को तैयार नहीं थे। तय किया कि भंडारा करेंगे। सभी ने मिलकर जो कर दिखाया वह अपने आप में एक मिसाल है।

स्वागत और भंडारे को सफल बनाने में जुट गए

एक बड़ी बात और है। वह यह है कि रंवाई क्षेत्र में अलग-अलग क्षत्रों के अपने आराध्य देवी-देवता हैं। देवताओं के क्षेत्र भी बंट हुए हैं। बाबा बौखनाग का भी अपना क्षेत्र है, लेकिन जब हरिद्वार में भंडारा देने की बात सामने आई तो बिना किसी संकोच के सभी एकजुट हो गए और बाबा बौखनाग की यात्रा के स्वागत और भंडारे को सफल बनाने में जुट गए। यह साबित करता है कि रवांल्टों के लिए अपनी रवांई क्षेत्र के सभी देवी-देवताओं का बराबर महत्व है। जो देवों के प्रति उनकी आस्था को प्रदर्शित करता है।

वेद निकेतन धाम हरिद्वार

जिस वेद निकेतन धाम में बाबा बौखनाग के भक्तों के रहने की व्यवस्था की गई थी। उस आश्रम की जिम्मेदारी पुरोला निवासी दिनेश नौटियाल संभालते हैं। उन्होंने बाबा बौखनाग की यात्रा में शामिल भक्तों के लिए पूरा आश्रम दो दिनों के लिए समर्पित कर दिया। सबके रहने की व्यवस्था उन्होंने अपने कंधों पर ली और यह साबित किया कि रवांल्टे अपने क्षेत्र और अपने देवताओं के लिए कितने समर्पित हैं।

यात्रा व्यवस्थाओं के व्यवस्थापक

यात्रा व्यवस्थाओं में हमेशा की तरह इस बार भी शिक्षक और साहित्यकार कोटी बनाल निवासी दिनेश रावत समर्पित नजर आए। भाटिया गांव के सहदेव रावत भी सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सेदारी निभाते हैं, इस बार उनके इष्ट आराध्य देव के स्वागत के लिए दिन-रात मेहनत में जुटे रहे। कुंड नौगांव निवासी शांति रगवाण भी व्यवस्थाओं में जुटे नज़र आए। पौंटी गांव निवसी मुकेश डिमरी पुलिस में तैनात हैं। मुकेश ने हरकी पैड़ी में बाबा बौखनाग के लिए तमाम व्यवस्थाओं में अहम भूमिका निभाई। गैर बनाल निवासी संतोषी नौटियाल अपने मायके के आराध्य देव और भक्तों की व्यवस्थाओं में लगातार खुद को खपाती नजर आए। कंडियालगांव के राकेश कंडियाल भी लगातार व्यवस्थाएं बनाने में जुटे रहे।

एकता और एकजुटता की मिसाल

कुल मिलाकर देखा जाए तो हरिद्वार में रवांल्टों ने जो एकता और एकजुटता की मिसाल पेश की है, वह लोगों को भी प्रेरित करेगी। केवल बाबा बौखनाग की यात्रा ही नहीं, बल्कि रवांल्टा सम्मेलन में भी इसी तरह की एकता नजर आती है। मुझे अब तक हुए रवांल्टा सम्मेलनों में भी रहने का अवसर मिला है। कुल मिलाकर यह आयोजन इसी की देन है वहीं से एकता, सहयोग और सामंजस्य के भाव पनपें हैं।

आयोजन में कुछ विशेष सहयोगियों की लिस्ट

  • प्रीति डिमरी
  • सहदेव रावत (भाटिया)
  • राकेश डिमरी (भाटिया).
  • मुकेश डिमरी (पौंटी)
  • राजेश बिष्ट
  • नितिन बिष्ट
  • जशवंत बिष्ट (नन्दगांव)
  • दीवान नेगी (हुडोली)
  • राजेश राणा (गोना)
    दिनेश रावत (कोटी ‘बनाल’)
  • राकेश कंडियाल( कंडियालगांव पुरोला)
  • संतोषी नौटियाल (गैर बनाल)
  • हेमंत रावल (हरिद्वार)
  • रविकांत सेमवाल (मुखवा उत्तरकाशी)
  • शांति रघुवाण (कुंड, नौगांव)
  • अमित गौड (कंडारी)
  • प्रभा चौहान (सरनौल,बड़कोट)
  • ताजवर चौहान (भुटोत्रा, मोरी)
  • सीताराम बडोनी (हिमरोल)
  • प्रबीन भारती (खरसाडी)
  • मोहित नोटियाल (गुदियाट गांव)
  • बबलू सेमवाल (गोना)
  • गणेश बिजल्वाण (इड़क बनाल)
  • अवतार सिंह गुलेरिया (नंदगांव)
  • बाल व्यास आयुष कृष्ण नयन जी महाराज राधा कृपा धाम हरिद्वार
  • गोपाल बिष्ट (नन्द गांव)
  • पूजा रमोला (ऋषिकेश)
  • राजेश बिष्ट (मस्सू राजगढ़ी),मनीष पंवार (मोरी)।

 

 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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