नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट में देहरादून में चाय बागान की जमीन मामले में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने जमीन खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी थी। इस क्षेत्र में असम निवासी संतोष अग्रवाल पुत्र स्व. इद्वावती की भी संपत्ति थी। उन्होंने इस मामले में उन्होंने उनको हाईकोर्ट में पक्षकार बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर उनको पक्षकार बना गया।
उन्होंने हाईकोर्ट में अपना पक्ष पेश किया। पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने संतोष अग्रवाल की संपत्ति खसरा संख्या 203, 204, 205 कोई हस्तक्षेप नहीं करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट से इस मामले में उनको बड़ी राहत मिली है। दरअसल, हाईकोर्ट ने संपत्ति को चाय बागान की संपत्ति मानते हुए उसकी खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी थी।