हल्द्वानी: चुनाव परिणाम आने के बाद से भाजपा लगातार उत्तराखंड में सरकार गठन की तैयारियों में जुटी है। दिल्ली में केंद्रीय आलाकमान सीएम के नाम पर मंथन कर रही है। राज्य के ज्यादातर नेता दिल्ली से वापस लौट आए हैं। लेकिन, होली से ठीक एक दिन पहले कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत को अचानक दिल्ली से बुलावा आ गया और वो दिल्ली चले भी गए।
उनके दिल्ली जाने के बाद कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। सियासी हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया। सियासी गलियारे में पहले ही 80 के दशक वाले विधायक को सीएम बनाए जाने की बात चल रही थी। अब अचानक भगत को दिल्ली बनाए जाने से इसे और बल मिल रहा है। उनके प्रोटेम स्पीकर बनने के बाद से ही उनके कद को लेकर तमाम तरह की सियासी चर्चाएं शुरू होने लगी थी।
विधानसभा चुनाव-2022 में भाजपा ने 47 सीटें जीती हैं। अब सरकार गठन की तैयारी चल रही है। भाजपा ने खटीमा विधायक व सीएम पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह अपनी सीट से हार गए। तब से ही नए सीएम को लेकर तमाम तरह की अटकलें लग रही हैं। धामी को फिर से सीएम बनाए जाने की चर्चा भी जोरशोर से चल रही है। इसके अलावा सीएम पद को लेकर तमाम अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम भी उछल रहे हैं।
वैसे भी सीएम पद को लेकर भाजपा में हमेशा चौंकाने वाला निर्णय देखा गया है। इस समय होली के चलते विधानमंडल की बैठक नहीं हो सकी है। इसलिए अधिकांश विधायक अपने क्षेत्रों में होली मनाने निकल गए हैं। कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत भी प्रोटेम स्पीकर बनने के बाद अपने क्षेत्र में आ गए थे, लेकिन बुधवार को उन्हें अचानक दिल्ली बुला लिया गया है।
जबकि वह अपने क्षेत्र में होली आयोजनों में व्यस्त थे। भगत शाम चार बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जैसे ही वह दिल्ली को रवाना हुए। प्रदेश भर के सियासी हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया। चर्चा उनके सीएम बनाए जाने को लेकर भी उठने लगी है। जब इस संबंध में भगत से बात की तो उन्होंने दिल्ली जाने की बात स्वीकार की, लेकिन इसका कारण निजी काम बताया।