नैनीताल: उत्तराखंड में बीते 48 घंटे से बारिश आफत बनकर बरस रही है। प्रकृति का भयानक तांडव डरा रहा है। हर तरफ से बारिश, भूस्खलन और मौत की खबरें आ रही हैं। गढ़वाल से कुमाऊं तक ताबही ही तबाही नजर आ रही है। कुमाऊं में हालात बेहद ही खराब हैं। अलग-अलग हिस्सों में करीब 30 लोगों के मौत हो चुकी है।
डीआईजी ने कुमाऊं मंडल निलेश आनंद भरणे ने बताया कि आपदा से 30 मौत लोगों की मौत हो चुकी है। नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर और रामगढ़ इलाके आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाए गए हैं। डीआईजी ने बताया कि आपदा राहत-बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।
राज्य में लगातार हो रही बारिश से नदी-नालों ने रौद्र रूप ले लिया है। चंपावत के तिलवाड़ा गांव में घर में मलबा घुसने से दो की मौत हुई। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के एक गांव में मकान जमींदोज होने से नौ और धारी तहसील के चौखुटा गांव में भूस्खलन की जद में आए मकान एक ही परिवार के छह लोगों की दबकर मौत हो गई।
भीमताल में भी मकान ढहने से एक बच्चा मलबे में दब गया। रामनगर के सुंदरखाल में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने की कोशिश जारी है। यहां अब फायर ब्रिगेड और पुलिस राफ्ट के इन्हें निकालने के प्रयास में है। कुछ लोग कोसी नदी के 2 विकराल धाराओं के बीच फंस गए थो। 15 से 20 घरों में करीब 25 लोग जीवन के लिए जूझ रहे हैं। रामनगर के एक रिजॉर्ट में पानी घुसने से फंसे करीब सौ लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है।