यूपी के कुशीनगर से स्कूल के बच्चे नैनीताल टूर पर आए थे। यहा से लौटने के बाद सेंट थ्रेसेस स्कूल के छात्रों की ने अपने परिजनों से शिकायत की। बच्चों ने बताया कि प्रिंसिपल ने उनके साथ बेरहमी से पिटाई की है। परिजनों की शिकायत के बाद शुक्रवार को डीएम ने अभिभावकों और शिक्षकों से मुलाकात की और दोनों का पक्ष जाना। मामला संवेदनशील होने के के काररण पुलिस भी इसकी जांच में जुटी हुई है।
वहीं, घटना के मीडिया में उजागर होने के बाद राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इसे गंभीरता से लिया है। हालांकि, पहले ही पीड़ित परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ बच्चों की पिटाई करने और मोबाइल तोड़ने के मामले में केस दर्ज किया है।
96 छात्रों का एक टूर सेंट थ्रेसेस स्कूल पडरौना द्वारा नैनीताल ले जाया गया था। वहां होटल में रहने के दौरान कथित रूप से स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा कुछ बच्चों को बेरहमी से पिटाई की गई थी। इससे कुछ बच्चों की हालत इतनी खराब हो गई कि दो को स्कूल की ओर से सेंट जोसेफ हॉस्पिटल लखनऊ में भर्ती कराना पड़ा।
घायल बच्चों द्वारा पडरौना कोतवाली पुलिस को दिए तहरीर में बताया गया था कि अगर वह पिटाई की शिकायत अपने अभिभावकों से करेंगे तो उनका नाम काटकर स्कूल से निकाल चरित्र प्रमाण पत्र खराब कर दिया जाएगा। मामले में प्रिंसिपल के खिलाफ पडरौना कोतवाली में केस दर्ज हो गया है।
शुक्रवार को डीएम एस राजलिंगम ने छात्रों के अभिभावकों से मुलाकात की। इससे पहले स्कूल के शिक्षक उनसे मिले थे। इनमें टूर में बच्चों के साथ गयी शिक्षिकाएं भी शामिल थी। डीएम ने दोनों पक्षों से वार्ता कर मामले को समझने का प्रयास किया। अभिभावक जहां मामले में प्रिंसिपल पर कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं, वहीं शिक्षकों का कहना है कि मना करने के बाद भी मोबाइल लेकर टूर में गए बच्चे उनसे उलझ गए थे।
डीएम ने बताया कि अब तक स्कूल के प्रिंसिपल ने उनसे मुलाकात नहीं की है। बच्चों से जुड़ा मामला संवेदनशील है, इसलिए जांच भी पूरी सावधानी बरती जा रही है। पुलिस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दूसरी ओर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य शुचिता चतुर्वेदी ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगने की बात कही है।