नैनीताल: हाईकोर्ट ने सरकार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय (कोरोनेशन) अस्पताल जिला अस्पताल में पीपीपी मोड में संचालित कॉर्डियक यूनिट को बंद करने पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही इस यूनिट के फिर से संचालित होने तक हृदय रोगियों का निश्शुल्क इलाज देहरादून के 6 प्रमुख अस्पतालों में करने के आदेश दिए हैं।
इन अस्पतालों की सूची सरकार ने हाई कोर्ट में सौंपी है। बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता सत्यवीर सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि सरकार ने जिला अस्पताल कोरोनेशन देहरादून में कार्डियक यूनिट पीपीपी मोड में चलाने के लिये फोर्टिस अस्पताल दिल्ली को दी थी।
सात मार्च 2021 को अनुबंध समाप्त हो गया, जिसे सरकार ने छह मार्च 2022 तक के लिये आगे बढ़ाया। लेकिन इस बीच चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के कारण सरकार ने नया अनुबंध नहीं किया और कार्डियक यूनिट में ताले लग गए। जिससे हृदय रोग उपचार जैसी जरूरी सेवा से लोग वंचित हो गए। याचिकाकर्ता ने इस मामले में हाई कोर्ट से राज्य सरकार को उचित निर्देश देने की याचना की थी।
सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को छह अस्पतालों की सूची दी जहां हृदय रोगियों का निश्शुल्क इलाज होगा। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक कोरोनेशन अस्पताल में कार्डियक यूनिट का संचालन शुरू नहीं होता है, तब तक हृदय रोगियों का मुफ्त उपचार सरकार से सूचीबद्ध आधा दर्जन अस्पतालों में जारी रखा जाए। कोर्ट ने सरकार को कहा कि जब इनका अनुबंध समाप्त हो गया था, तो अधिकारियो ने इसकी जानकारी इलेक्शन कमीशन को क्यों नही दी।