नैनीताल: कोरोना का कहर अब गांवों पर बरप रहा है। गांव के गांव कोरोना पाॅजिटिव पाए जा रहे हैं। गढ़वाल से कुमाऊं तक गांवों से कोरोना के मामलों की रिपोर्टें लगातार सामने आ रही हैं। इन खबरों के बीच कुछ खबरें ऐसी भी हैं, जो खुश होने का मौको देती हैं। कुछ संदेश देती हैं। प्रेरित करती हैं। ऐसी खबरों की जरूरत भी है और लोगों को इनसे सीखना भी चाहिए। ऐसी ही एक खबर हम आपको बतान जा रहे हैं। ये खबर एक गांव की खबर है। ऐसा गांव, जिसके खुद के नियम हैं, अपनी गाइडलाइन है। यही कारण है कि गांव का कोई भी व्यक्ति कोरोना ही पहली और दूसरी लहर में पाॅजिटिव नहीं पाया गया…।
इसका नाम है खलाड़ गांव…
यह गांव नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक में है और इसका नाम है खलाड़ गांव…। इस गांव के नियमों और कोरोना को मात देने के तरीकों की खूब चर्चा हो रही है। इसकी खास बात यह है कि गांव में पंचायत ने अपने लिए सरकार से हटकर खुद की एसओपी बनाई है। गांव की पंचायत में जो नियम तय किए गए हैं, उनको सभी पूरी तरह पालन भी करते हैं। इस गांव के आसपास के कई गांवों में कोरोना के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन यहां अब तक सबकुछ ठीक है।
अपनी उगाई सब्जियां
गांव की प्रधान नीरु बधानी ने ग्रामीणों के साथ मिलकर कुछ नए नियम तय किए। खलाड़ के ग्रामीण अपनी उगाई सब्जियां ही खाते हैं। कोरोना काल में जहां दूसरे गांव कोरोना से परेशान हैं, लखाड़ के ग्रामीण अपने खतों में सब्जियां उगा रहे हैं। ग्राम पंचायत अधिकारी पीतांबर आर्य के अनुसार जरूरत का बाकी सामान बाजार से पूरी एहतियात के साथ आता है। गांव में हुई तीन बारातों में भी कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया। जिससे कोई मामला सामने नहीं आया। गांव वालों ने नियम बनाए, लेकिन उनका पालन करने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक किया। ग्रामीणों ने वायरस की भयानकता को समझते हुए एकजुट होकर कुछ नियम और शर्तें तय कीं। इसका सख्ती से पालन किया।
निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य
प्रधान नीरु ने बताया कि सितंबर में नया नियम बनाया गया कि गांव में आने से पहले हर व्यक्ति की कोरेाना जांच नेगेटिव लानी होगी। ग्राम प्रहरियों और वार्ड सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई है। गांवों में कोविड की निगरानी राजस्व उप नरीक्षक भी कर रहे हैं। यहां के राजस्व उपनिरीक्षक विजय नेगी के अनुसार गांव वालों ने खुद के प्रयास से यहां काफी अच्छी व्यवस्था बनाई है।
ये है SOP
- बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य।
- गांव से बाहर बने भवन में 14 दिन रहना होगा। भोजन-पानी परिवार देगा।
- गांव में ही उगने वाली सब्जी और फलों का अधिक प्रयोग करना होगा।
- हर घर में बुखार दवा रहेगी। बाहर से आने वाला हर सामान धोना होगा।