Wednesday , 4 December 2024
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उत्तराखंड : PM मोदी को पसंद आई ‘घोड़ा लाइब्रेरी’, जानें क्यों है ख़ास…

नैनीताल  : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MOdi) अपनी मन की बात (Man ki baat) में देशभर के उन लोगों को सराहते हैं, जो समाज को दिशा देने का काम कर रहे हैं। कुछ ऐसा काम, जो लोगों को प्रेरित करता है। कुछ ऐसा करने की ललक जगाता है, जो समाज में परिवर्तन लाने के लिए एक मिसाल बने। ऐसा ही कुछ कर दिखाया नैनीताल की घोड़ा लाइब्रेरी (horse library) संचालित करने वाले युवाओं ने…। यह घोड़ा (Ghoda library) लाइब्रेरी देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र को भी यह भा गई और उन्होंने मन की बात में इसका सराहना की।

ये लाइब्रेरी (Ghoda library) नैनीताल जिले के कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए शुरू की। इसके जरिए उन बच्चों तक किताबें पहुंचाई, जो पढ़ना चाहते हैं, लेकिन उनको स्कूल की किताबों के अलावा दूसरी कोई किताबें पढ़ने को नहीं मिल पाती हैं। यह लाइब्रेरी गर्मियों की छुट्टियों में शुरू हुई, जब बच्चे विद्यालयों से दूर रहे, लेकिन घोड़ा लाइब्रेरी (Ghoda library) के कारण पुस्तकें बच्चों से दूर नहीं रही। नैनीताल के कोटाबाग विकासखंड के गांवों में हिमोत्थान टाटा ट्रस्ट ने गर्मियों की छुट्टियों में भी बच्चों तक बाल साहित्यिक पुस्तकें पहुंचाने के लिए यह अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी शुरू की।

हिमोत्थान के शुभम बधानी ने बताया कि दूरस्थ पर्वतीय गांवों (तल्ला जलना, मल्ला जलना, मल्ला बाघनी, सल्वा एवं बदनधुरा) में जहां ना सड़क हैं, ना जाने की अन्य कोई सुविधाएं, कुछ पगडंडी रास्ते हैं, लेकिन वो भी भूस्खलन की मार झेल रहे हैं। हिमोत्थान टाटा ट्रस्ट द्वारा पर्वतीय गांव बाघनी, छड़ा, सल्वा, जलना के युवाओं एवं स्थानीय शिक्षा प्रेरकों की मदद से घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की गई।

4-5 दिन के अंतराल में दुर्गम पर्वतीय ग्राम तोकों में घोड़ा लाइब्रेरी के माध्यम से पुस्तकें उपलब्ध कराई गई। इस पहल में शिक्षा प्रेरक सुभाष बधानी, स्थानीय लोग हरीश बधानी, मनोज बधानी, रवि रावत, शरद बधानी, कौशल कुमार आदि का विशेष योगदान रहा।ताल की घोड़ा लाइब्रेरी, मन की बात में कही खास बात

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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