Thursday , 13 March 2025
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उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने क्यों कहा-ऐसी महिलाओं को जेल भेज देना चाहिए…आखिर ऐसा क्या हुआ?

नैनीताल : हाईकोर्ट को आखिर ऐसा क्यों कहना पड़ा? वो कौन सी वजह थी, जिसके चलते हाईकोर्ट ने कहा कि कुछ महिलाएं कानून का गलत इस्तेमाल कर रही हैं? यह कहीं और नहीं, बल्कि नैनीताल हाईकोर्ट का मामला है। यह सब एक केस की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति शरद कुमार ने कहा…। मामला शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में दायर चार्जशीट और समन आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का था।

अब आपको पूरी कहानी बताए हैं कि हुआ क्या था। दरअसल, हुआ यह था कि एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें दोनों के बीच सहमति से शाररिक संबंध बने। लेकिन, बाद में दोनों में कुछ अनबन हुई तो, महिला ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

भीमताल क्षेत्र की महिला की हल्द्वानी निवासी मनोज कुमार के बीच 2005 से दोस्ती थी। रिलेशन शुरू होने के 15 साल बाद महिला ने कहा था कि शादी का वादा कर उसके साथ दुष्‍कर्म किया गया और मुकदमा दर्ज कराया। मनोज की 2019 में दूसरी जगह शादी हो गई। कोर्ट ने कहा कि जब महिला को पता चल गया कि वह आदमी शादीशुदा है, उसके बाद भी महिला ने उसके साथ संबंध रखा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कहा कि अक्सर देखने में आया है कि पहले महिलाएं अपनी मर्जी से पुरुष मित्र के साथ होटलों से लेकर कई अन्य जगहों पर जाती हैं। उनके बीच शाररिक संबंध बनते हैं और फिर मतभेद पैदा होने पर इस कानून का दुरुपयोग करती हैं। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए ये भी कहा कि जो इस तरह के गलत और झूठे आरोप लगाती हैं, ऐसी महिलाओं को जेल भेज देना चाहिए।

कोर्ट ने एक अन्य मामले का हवाला दिया कि एक युवती ने तो खुद अपने केस की पैरवी करते हुए कहा कि उसके पुरुष मित्र ने शादी का झांसा देकर कई जगह ले जाकर उसकी मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाए। कोर्ट ने कहा कि शारीरिक संबंध केस दर्ज कराने से 15 वर्ष पूर्व से बने आ रहे हैं और एफआईआर अब की जा रही है। आखिर क्यों? कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें साफ नजर आ रहा है कि महिलाएं इस कानून का दुरुपयोग कर रहीं हैं।

एक मामले में कोर्ट ने कहा कि कई महिलाएं यह जानते हुए कि उनका पुरुष मित्र पहले से शादीशुदा है इसके बाद भी उसके साथ संबंध बनाती हैं और बाद में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के नाम पर केस दर्ज कराती हैं। कोर्ट ने कहा कि जो युवती ऐसा कर रही है वह बालिग व समझदार है। कोई बच्ची नहीं है जो पुरुष के झांसे में आ जाए।

याचिकाकर्ता ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब किसी बालिग के साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं तो वह बलात्कार की श्रेणी में नहीं होगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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