Friday , 22 November 2024
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EXCLUSIVE : सड़क के लिए 30 साल से कर रहे थे इंतजार, गांव के युवाओं ने 7 दिन में बना डाली

प्रदीप रावत (रवांल्टा)

पौड़ी: कोरोना काल में भले ही पूरी दुनिया समेत उत्तराखंड के लिए भी आफत लाया हो, लेकिन कभी नहीं डरने और डगमगाने वाले पहाड़ के लोगों का हौसला इस बार भी इक्कीस साबित हुआ। लाॅकडाउन में जहां देशभर में लोग घरों में कैद रहे। वहीं, उत्तराखंड के कई इलाकों में लोगों ने ऐसे-ऐसे काम कर दिखाए, जिनको सरकारें पिछले कई सालों में नहीं  कर पाई। ऐसी ही मिसाल पौड़ी जिले के लैंसडौन विधानसभा के जयहरीखाल ब्लाॅक मठाली गांव के युवाओं ने भी पेश की है। ग्रामीणों ने डेढ़ किलोमीटर सड़क महज सात दिन में बना डाली।

 

 

सपने को पूरा किया

गांव के युवओं ने उस सपने को पूरा कर दिखाया, जिसकी मांग वो पिछले करीब 30 सालों से कर रहे थे। चुनाव में नेता उनको सपना दिखाते तो थे, लेकिन कभी पूरा नहीं करते थे। लाॅकडाउन के दौरान गांव के युवा गांव लौटे, अनलाॅक का इंतजार किया और फिर तय किया कि वो अपने बूते गांव तक सड़क पहुंचाएंगे और अपने मिशन को पूरा करने में जीजान से जुट गए। उन्होंने जो ठाना उसे पूरा करके भी दिखाया।

2 साल से सड़क का काम बंद पड़ा था

गांव के युवा दीपेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि गांव के लोगों को 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। तसरकार से गुहार लगाई पर उन्होंने भी 500 मीटर तक ही सड़क दी। पिछले 2 साल से सड़क का काम बंद पड़ा था। सरकार और लोक निर्माण विभाग को मठाली लिंक मार्ग को पूरा करने की मांग की। कई बार पत्र लिखे, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। सरकार और सरकार विभागों की मनमानी और असंवेदनशीतला ने ग्रामीणों को अपने खर्च पर सड़क का काम पूरा करने के लिए मजबूर कर दिया। फिर ग्रामीणों तय किया कि वो खुद ही सड़क का निर्माण करेंगे और सभी लोग काम में जुट गए।

शहर से जोड़ दिया

लोगों ने 7 दिनों मे ही 1.5 किलोमीटर सड़क कटा कर गांव को शहर से जोड़ दिया। सड़क के गांव तक पहुंचने पर जो चमक गांव के बुजुर्गां के चहरों पर देखने को मिली, वो इतना बताने के लिए काफी थी कि वो कब से इस पाल का इंतजार कर रहे थे। अब उनको उम्मीद है कि गांव में तरक्की करेगा। बुजुर्गों ने युवाओं को शुभकामनाएं दी, आशीर्वाद दिया और उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भी गांव के युवा इसी तरह मिलकर काम करेंगे। गांव को तरक्की की ओर लेकर जाएंगे।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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