Thursday , 21 August 2025
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माफिया राज : पत्रकारिता दिवस पर पत्रकार पर चली फायर!

कोटद्वार : आज पत्रकारिता दिवस है। पीएम से सीएम तक सब बधाइयां दे रहें हैं। पत्रकारों के योगदान को सलाम ठोका जा रहा है, पर वह सलाम बस सोशल मीडिया में ही नजर आता है। उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली त्रिवेंद्र सरकार में हिंदी पत्रकारिता दिवस के दिन ही खनन माफिया ने पत्रकार को ठोकने का प्लान बना डाला।

रात के अंधेरे में नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है और जब इस काले कारनामे को उजागर करने के लिए राज्य आंदोलनकारी और सीनियर जर्नलिस्ट राजीव गौड़ अपने साथियों के साथ पहुंचे तो खनन माफियाओं ने उन पर पहले फायर झोंका और जब बच गए तो लाठी-डंडे और पत्थरों से ताबड़तोड़ हमले कर दिए। इस हमले में राजीव गौड़ घायल हो गए।

सवाल केवल श घायल होने का नहीं। सवाल खनन माफिया के बुलंद हौसलों का है। सरकार पुलिस और प्रशासन की खुली छूट से ही खनन माफिया इतनी हिम्मत जुटा पा रहे हैं कि वह पत्रकारों पर भी जानलेवा हमला करने से पीछे नहीं रह रहे। इतना ही नहीं पत्रकार के साथ मारपीट करने और गोली चलाने के बाद थाने में भी पुलिस के सामने ही अभद्रता की गई।

पत्रकार पर हमला करने का प्रयास किया गया और पुलिस चुपचाप देखती रही। इतना कुछ होने के बाद भी पुलिस तहरीर मांग रही है। सवाल यह है कि क्या पुलिस तभी कार्रवाई करेगी जब कोई तहरीर देगा? सवाल इस बात पर है कि जीरो टालरेंस की त्रिवेंद्र सरकार में रात को नदियों का सीना छलनी करने की परमिशन किसने दी ? वह कौन जिम्मेदार अधिकारी है, जिसके रहते अवैध खनन किया जा रहा है ?

खनन माफिया की करतूत को पुलिस और प्रशासन को उजागर करना था। उन पर नकेल कसनी थी, लेकिन वह चुपचाप सड देख रहे हैं। ऐसे में पत्रकार ने खनन माफिया के कारनामों को उजागर करने का प्रयास किया तो पुलिस और प्रशासन में सांठगांठ रखने वाले सफेदपोशों के चेलों ने पत्रकार पर ही हमला कर दिया। पत्रकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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