Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड : सरकार को नहीं लोगों की जान की चिंता : इष्टवाल

पौड़ी : कांग्रेस प्रदेश महासचिव कवींद्र इष्टवाल ने कहा कि सरकार को लोगों की जान की चिंता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आए दिन पहाड़ों में गुलदार लोगों पर हमला कर रहे हैं। कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। लेकिन, सरकार को कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है।

कवींद्र इष्टवाल ने कहा कि प्रदेशभर में गुलदार और बाघों का आतंक हैं। आज तक पहाड़ पर ही गुलदार के हमले देखने को मिलते थे। लेकिन, अब राजधानी देहरादून में भी गुलदार लोगों की जान लेने लगे हैं। कुलमिलाकर पहाड़ से लेकर मैदान तक गुलदार लोगों के लिए खतरा बने हुए है। बावजूद, सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पौड़ी जिले में लोग धूप छिपते ही घरों में कैद हो जाते हैं। ऐसा लगता है, जैसे अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया हो। गुलदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन, उसको नियंत्रित करने का सरकार के पास कोई प्लान नहीं है।

अगर ऐसा ही रहा तो वो लोग भी पहाड़ छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे, तो पहाड़ को बचाए हुए हैं। सबके लिए सबसे अहम उनकी जान होती है। लेकिन, जिस तरह से गांव-गांव गुलदार दस्तक दे रहा है, उससे कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है।

पौड़ी जिले की बात करें तो ऐसा शायद की कोई दिन हो, जो जब गलदार कहीं नजर नहीं आता हो और किसी पर हमला या हमले का प्रयास ना करता हो। चौबट्टाखल विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में गुलदार लोगों की बड़ा खतरा बना हुआ है। कई बार स्कूलों में छुट्टियां तक घोषित करनी पड़ जाती हैं। इससे बड़ी चिंता की बात क्या हो सकती है? लेकिन, सरकार को कोई चिंता ही नहीं है।

वन मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि उनके पास इसका कोई इलाज नहीं है। अगर सरकार कुछ नहीं कर सकती है, तो इस्तीफा दे देना चाहिए। इस तरह से लोगों को मरने के लिए उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते हैं। अगर सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
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