Thursday , 21 November 2024
Breaking News

कल लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें कब से है सूतक काल? ये काम ना करें!

चंद्र ग्रहण : 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण कल 28 अक्टूबर को लगने वाला है. शरद पूर्णिमा की रात यह चंद्र ग्रहण लगेगा. चंद्र ग्रहण पूर्णिमा और सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगता है. साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, जिसकी अवधि 1 घंटे 16 मिनट तक है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से ही शुरू हो जाता है, इस वजह से उसमें कुछ कार्यों को करना वर्जित है.

इस वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की देर रात 01 बजकर 06 मिनट से लगेगा. इसका समापन 29 अक्टूबर को तड़के 02:22 पर होगा. यह एक खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा. इसे आंशिक चंद्र ग्रहण भी कह सकते हैं. यह खंडग्रास चंद्र ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने वाला है.

साल के अंतिम चंद्र ग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा और यह 29 अक्टूबर को 02:22 एएम तक रहेगा. सूतक काल का समापन चंद्र ग्रहण के खत्म होन के साथ होता है. सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है, इ​सलिए इसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं.

इस दौरन क्या ना करें 

1. पूजा पाठ न करें
चंद्र ग्रहण का सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. उस समय में पूजा पाठ आदि न​हीं करते हैं. सूतक काल में आप अपने इष्ट देव के नाम का स्मरण या फिर उनके मंत्र का जाप कर सकते हैं.

2. शुभ कार्य न करें
चंद्र ग्रहण के सूतक काल में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते हैं क्योंकि धार्मिक दृष्टि से यह समय अशुद्ध और अशुभ फल देने वाला माना जाता है.

3. खाना न बनाएं और न भोजन करें
चंद्र ग्रहण के समय में खाना बनाना और भोजन करना दोनों ही वर्जित है. ऐसी मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभाव से आपका भोजन दूषित हो सकता है, जिससे आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

4. सूतक काल में न सोएं
चंद्र ग्रहण के सूतक काल के दौरान शयन करने की मनाही है. हालांकि बीमार, वृद्ध और बच्चों को इसमें छूट रहती है.

चंद्र ग्रहण के समय में गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना होता है. उनको घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. किसी भी नुकीली या धारदार वस्तुओं जैस सुई, चाकू आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए. लोक मान्यता है कि ऐसा करने से गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

6. ग्रहण के समय में बाल और नाखून ना काटें.

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

खतरनाक हुआ आलू, मुनाफाखोर पुराने को केमिकल से बना रहे नया, पढ़ें ये रिपोर्ट

आलू तो आप खाते ही होंगे। आलू एक ऐसी सब्जी है, जो किसी भी सब्जी …

error: Content is protected !!