रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के पावन पर्व पर शुभ लग्न में शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 8.00 बजे बंद कर दिए गए। बाबा की डोली धाम से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 7 नवंबर को बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान होगी।
आज सुबह 4 बजे से केदारनाथ धाम में बाबा की विशेष पूजा-अर्चना शुरू हुई। मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने बाबा केदार की विधि-विधान से अभिषेक कर आरती उतारी। साथ ही स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को समाधि रूप देकर भस्म से ढक दिया। इसके बाद बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति का शृंगार कर चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया गया।
परंपरानुसार बाबा केदार की मूर्ति को मंदिर परिसर में भक्तों के दर्शनार्थ रखा गया।सुबह 8 बजे ऊखीमठ के एसडीएम जितेंद्र वर्मा व देवस्थानम बोर्ड के अपर कार्याधिकारी की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए। साथ ही मंदिर के कपाट की चाबी एसडीएम को सौंप दी गई।
इसके बाद बाबा केदार की डोली मंदिर की तीन परिक्रमा करते हुए श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर गई।डोली रुद्रा प्वाइंट, लिनचोली, रामबाड़ा, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग में भक्तों को आशीर्वाद देते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी।
6 नवंबर को डोली रामपुर से प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 7 नवंबर को बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति को विधि-विधान के साथ शीतकालीन पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान कर दिया जाएगा।