रुद्रप्रयाग: देर रात को मद्महेश्वर घाटी में अत्यधिक बारिश से गौंडार के बणतोली में पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल बहने के कारण सम्पर्क मार्ग टूट गया था। अस्थाई पुलिया भी बह गई थी। जानकारी मिलते ही पुलिस, SDRF और DDRF की टीमें वहां पहुंची और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया जा रहा है।
हेलिकॉप्टर से रांसी गांव तक छोड़ा
मद्महेश्वर धाम से तकरीबन 6-7 किलोमीटर नीचे नानू पर तैयार किए गए अस्थायी हेलीपैड से हेलिकॉप्टर से रांसी गांव तक छोड़ा जा रहा है, जहां से वापसी का सफर सड़क मार्ग से किया जा रहा है। अब तक कुल 68 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। वहीं, युनोत्री धाम में यमुना नदी में यमुनोत्री धाम के ऊपरी हिस्से में अतिवृष्टि के कारण यमुनोत्री धाम में मंदिर परिसर को भारी नुक़सान हुआ है।
परिसंपित्तयों को नुक्सान पहुंचा
मंदिर समिति के कार्यालय, रसोई को भी नुकसान पहुंचा है। पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि जनहानि नहीं, लेकिन परिसंपित्तयों को नुक्सान पहुंचा है। यमुना नदी के मुहाने पर एकत्रित मलबा बोल्डर पत्थरों की वजह से मंदिर परिसर को अधिक नुकसान हुआ है
रजिस्ट्रेशन केंद्र भी क्षतिग्रस्त
जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर राममंदिर के निकट रजिस्ट्रेशन केंद्र भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके अलावा यमुनोत्री हाईवे ओजरी डाबरकोट में काफी देर तक बंद रहा। अब तक अधिकारी यमुनोत्री धाम नहीं पहुंच पाया।
यमुना नदी का रौद्र रूप
SDM मुकेश चन्द्र रमोला ने कहा कि जनहानि नहीं हुई है, लेकिन नुकसान काफी हुआ है। तहसीलदार को राजस्व टीम के साथ भेज दिया गया है। जानकीचट्टी यमुनोत्री के बीच रातभर अफरातफरी मची रही। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के बीच छह किलोमीटर हिस्से में यमुना नदी का रौद्र रूप।