Sports Desk : IPL का आगाज़ होने जा रहा है. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटंस पहले मैच में आमने-सामने होंगी. इस बार के IPL मुकाबलों में क्रिकेट फैंस को कुछ नई चीज़ें देखने को मिलेंगी. दरअसल, इस बार IPL में कुछ नियमों के चलते काफी कुछ बदला हुआ नजर आने वाला है. इस सीजन में कप्तान द्वारा प्लेइंग-11 शेयर करने की टाइमिंग और डीआरएस जैसे दो नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है. साथ ही इम्पैक्ट प्लेयर जैसा नया नियम भी लागू हुआ है. इन तीन नियमों के चलते IPL इस बार और रोचक हो सकता है.
ये नए नियम
क्रिकेट में अब तक हमेशा से ऐसा होता आया है कि टीमों को टॉस से पहले ही अपनी-अपनी प्लेइंग-11 बतानी होती थी लेकिन इस बार IPL में दोनों टीमों के कप्तान और टीम प्रबंधन के पास एक नया विकल्प होगा. टीमें अब टॉस के बाद प्लेइंग-11 चुन सकेंगी. दोनों टीमों के कप्तान के पास दो लिस्ट रहेंगी. एक लिस्ट में पहले गेंदबाजी करने की स्थिति में प्लेइंग-11 के नाम होंगे और दूसरी लिस्ट में पहले बल्लेबाजी करने की स्थिति में प्लेइंग-11 के नाम होंगे. इन दोनों लिस्ट में 5-5 सब्स्टिट्यूट के नाम भी होंगे, जिनमें से किसी एक को बतौर इम्पैक्ट प्लेयर यूज़ किया जा सकेगा.
2. DRS का दायरा बढ़ा
क्रिकेट में अब तक केवल आउट या नॉट आउट के फैसलों पर DRS लिया जाता था. IPL 2023 में टीमें अंपायर द्वारा वाइड और नो बॉल से जुड़े फैसलों पर भी DRS ले सकेंगी. पिछले सीजन में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत ने अंपायर द्वारा नो-बॉल नहीं दिए जाने पर अपने बल्लेबाज को मैदान से वापस बुलाने तक का इशारा कर दिया था. यानी इस बार इस तरह के विवाद नहीं होंगे क्योंकि कप्तान DRS के द्वारा अंपायर के ऐसे फैसलों को चुनौती दे सकेंगे. इससे मुकाबलों में भी रोचकता आएगी हालांकि टीमों को प्रति पारी मिलने वाले DRS की संख्या में कोई इजाफा नहीं हुआ है. यानी उपलब्ध DRS से ही टीमों को वाइड और नो-बॉल से जुड़े फैसलों पर DRS लेना होगा.
3. इम्पैक्ट प्लेयर का नियम
क्रिकेट जगत के लिए यह नया नियम है. हालांकि, BCCI पिछले साल घरेलू क्रिकेट में इस नियम को लागू कर चुका है. IPL में यह पहली बार लागू होगा. इस नियम के तहत टीमें बीच मैच में अपने किसी एक खिलाड़ी को अन्य खिलाड़ी से रिप्लेस कर सकती है. एक मैच में एक टीम को एक ही इम्पैक्ट प्लेयर लाने की छूट होगी. टॉस के वक्त कप्तान प्लेइंग-11 के साथ पांच सब्स्टिट्यूट खिलाड़ियों के नाम देंगे और इन्हीं में से एक खिलाड़ी को बतौर इम्पैक्ट प्लेयर यूज़ किया जा सकेगा. मैदान पर इम्पैक्ट प्लेयर को लाने के लिए कप्तान को या तो फील्ड अंपायर या फोर्थ अंपायर को इसकी जानकारी देनी होगी.