उत्तराखंड में 31 नई विधानसभाएं बनाने की मांग उठ रही है। ये मांग भारतीय जनता पार्टी के विधायक किशोर उपाध्याय द्वारा उठाई गई है। 70 विधानसभा वाले राज्य में 101 विधानसभाएं बनाए जाने की मांग उठाने पर सियासी दलों के रिएक्शन भी सामने आए हैं। क्या कुछ कहना है सियासी दलों का इस खास रिपोर्ट में पढ़ें।
उत्तराखंड में उठी 31 नई विधानसभाएं बनाने की मांग
9 नवंबर 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। राज्य गठन के 24 साल बाद बड़ी मांग उठी है। भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय के द्वारा उत्तराखंड में 101 विधानसभाएं बनाने की मांग उठाई गई है। इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा सीटें भी 11 किए जाने की मांग की है। बता दें कि वर्तमान में उत्तराखंड में 70 विधानसभाएं हैं और पांच लोकसभा की सीटें हैं।
किशोर उपाध्याय ने विस अध्यक्ष को लिखा पत्र
विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को पत्र भेजकर किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड विधानसभा से प्रस्ताव पास करने की मांग की है। ताकि प्रदेश के उस प्रस्ताव को केंद्र को भेजा जाए। किशोर उपाध्याय का कहना है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा में और तेज गति देने के लिए ऐसा किया जाना बेहद जरूरी है। कई राज्यों में कम जनसंख्या और कम क्षेत्रफल के आधार पर विधानसभा और लोकसभा सीट निर्धारित है। ठीक उसी फार्मूले को उत्तराखंड में लागू किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने भी मांग को ठहराया जायज
भाजपा विधायक जहां उत्तराखंड में विधानसभा सीट बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि अगर प्रदेश के विकास को लेकर भाजपा के विधायक चिंता कर रहे हैं तो 101 विधानसभा सीट हो जानी चाहिए। कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता का कहना है कि परिसीमन होना चाहिए और विधानसभाओं की संख्या को भी बढ़ाना चाहिए। ये जनता के लिए और प्रदेश के विकास के लिए अच्छा है।
विधानसभा और लोकसभा सीटों के लिए होना है परिसीमन
आपको बता दें कि साल 2026 में पूरे देश में विधानसभा सीटों और लोकसभा सीटों की परिसीमन को लेकर सर्वे होना है। इस से ठीक पहले ही उत्तराखंड में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ाई जाने की मांग उठने लगी है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग भी हो रही है।